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यूपी के इन शहरों में 20 मई से कम हो जाएगा कोरोना का प्रकोप

कानपुर : में 30 अप्रैल को कोरोना का पीक आ चुका है। अब यह ढलान की ओर है। 20 मई तक स्थितियां काफी हद तक सामान्य हो जाएंगी। रोजाना आने वाले डेढ़-दो हजार केस घटकर सैकड़ों तक सीमित हो जाएंगे। यह दावा आईआईटी के कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर पद्मश्री मणींद्र अग्रवाल ने किया है।उन्होंने गणितीय विश्लेषण के आधार पर यह दावा किया है। प्रो. अग्रवाल ने बताया कि उन्होंने गणितीय विश्लेषण के आधार पर हर राज्य का अलग-अलग डाटा तैयार किया है। हर राज्य में संक्रमण की स्थिति अलग-अलग है। उनका दावा है कि विश्लेषण प्रयागराज, वाराणसी, लखनऊ में भी संक्रमण में आने वाले दिनों में कमी आने का संकेत दे रहा है।

हालांकि, कुछ राज्यों में अभी केस बहुत तेजी से बढ़ेंगे। उन्होंने बताया कि कानपुर में 28 अप्रैल तक पीक आना था पर 30 अप्रैल को आया। विश्लेषणात्मक रिपोर्ट और एक्चुअल रिपोर्ट में एक-दो दिन का फर्क बेहद मामूली होता है। उन्होंने बताया कि यह विश्लेषण पिछले साल की संक्रमण की स्थिति और दूसरी लहर में संक्रमण के फैलाव आधार पर निकाला है।प्रो. अग्रवाल ने पिछले साल संक्रमण के फैलाव और प्रतिरोधक क्षमता का विश्लेषण जनसंख्या के आधार पर किया है। उन्होंने बताया कि विश्लेषण में संबंधित शहरों की जनसंख्या, जांच में मिले संक्रमित मरीजों और कितने दिन में कितने लोगों तक वायरस पहुंच रहा है, इन तथ्यों का समावेश किया गया है।

इस आधार पर उनका दावा है कि पिछले साल मार्च में तीन दिन में एक व्यक्ति संक्रमित हो रहा था। जबकि, इस साल मार्च में संक्रमण का फैलाव तेज रहा और दो दिन में एक व्यक्ति संक्रमित हुआ। जनवरी-2021 के मुकाबले यह दोगुना था जनवरी में चार दिन में एक संक्रमित मिल रहा था। पिछले माह अप्रैल में संक्रमण का फैलाव मार्च से भी तेज रहा। इसी माह संक्रमण अपने पीक पर पहुंचा। ऐसा इसलिए हुआ कि तेजी से फैलते संक्रमण को देखकर भी लोग सचेत नहीं हुए और बिना डरे एक-दूसरे से मिलते रहे।

सभी 590 ग्राम पंचायतों के 9711 प्रत्याशियों के आए नतीजे

कानपुर : त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के नतीजे करीब 36 घंटे बाद सोमवार देर रात तक आ सके। 590 ग्राम पंचायतों के सभी 9711 प्रत्याशियों की घोषणा कर दी गई। इनमें 32 जिला पंचायत सदस्य, 590 प्रधान, 789 बीडीसी, 5045 ग्राम पंचायत सदस्यों के नाम पर जीत की मुहर लगी। इससे पहले बीडीसी के 23, ग्राम पंचायत सदस्य के 3620 प्रत्याशियों को पहले ही निर्विरोध चुन लिया गया था। सबसे देरी से कल्याणपुर जिला पंचायत सदस्य प्रत्याशियों के नतीजे आए। जिले के 10 ब्लॉक में 4420 कर्मचारियों ने रविवार सुबह वोटों की गिनती शुरू की।

सबसे पहले नतीजे दोपहर 12 बजे के बाद सरसौल ब्लॉक से आने शुरू हुए थे। रविवार देर रात तक 43 प्रतिशत प्रधान तो 31 प्रतिशत बीडीसी के नतीजे आ पाए थे। जिला पंचायत सदस्य की 32 सीटों में से एक का भी परिणाम नहीं आया था। तीन शिफ्ट में चली मतगणना सोमवार देर रात पूरी हो सकी। जिला पंचायत सदस्य की 32 सीटों पर 399, 590 ग्राम पंचायतों में 4485, बीडीसी की 789 सीटों पर 3402, ग्राम पंचायत सदस्य की 7446 सीटों पर 1425 प्रत्याशी मैदान पर थे। कुल 12 लाख 53 हजार मतदाताओं में 9 लाख 92 हजार 56 मतदाता ने वोट डाले थे। कुल 71.87 फीसदी मतदान हुआ था। विजेता ग्राम प्रधानों और बीडीसी को रिटर्निंग अफसर ने प्रमाण पत्र दिए।

कोरोना से एक दिन में 57 संक्रमितों की मौत

कानपुर : कोरोना से एक दिन में 57 संक्रमितों की मौत हो गई। 24 घंटे के अंदर छह कोरोना रोगी मरे हैं जबकि 24 घंटे से कुछ समय पहले 51 संक्रमितों ने अस्पतालों में दम तोड़ा है। मौतों का आंकड़ा और भी बड़ा हो सकता है, क्योंकि होम आइसोलेशन में मरने वाले मरीजों का डाटा पोर्टल पर अपडेट नहीं हुआ है। शहर में कोरोना से एक दिन में सर्वाधिक 36 मौतें 19 अप्रैल को रिकार्ड की गईं थीं। 11 रोगियों की मौत हैलट में हुई है। इसके अलावा पांच की रामा मेडिकल कालेज, पांच की मौत ग्रेस हॉस्पिटल, एक मौत जीटीबी हॉस्पिटल, दो मौतें कुलवंती, पांच मौतें एसआईएस हॉस्पिटल, तीन मौतें मरियमपुर, पांच मौतें नारायणा मेडिकल कालेज, सात मौतें न्यू लीलामणी हॉस्पिटल, छह मौतें प्रिया हॉस्पिटल, एक मौत रीजेंसी, तीन मौतें मेडि हेल्थ, एक मौत लाइफट्रान, एक मौत कांशीराम हॉस्पिटल और एक मौत द्विवेदी हॉस्पिटल में हुई है।

सोमवार को 1274 नए कोरोना संक्रमित मिले हैं। कोरोना से अब तक 1262 लोगों की मौत हो चुकी है। कुल कोरोना संक्रमितों की संख्या 74 हजार 252 है। इनमें 58 हजार 76 रोगी संक्रमण मुक्त हो चुके हैं। एक्टिव केस 14 हजार 914 हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने 6431 कोरोना संदिग्ध लोगों के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे हैं।

पंचायत चुनाव की मतगणना बाद विजयी प्रत्याशियों को फूल-मालाओं से लाद दिया गया। वहीं हारे प्रत्याशी मायूस

कानपुर : हमीरपुर जिले में दो दिन तक चली पंचायत चुनाव की मतगणना बाद विजयी प्रत्याशियों को फूल-मालाओं से लाद दिया गया। वहीं हारे प्रत्याशी मायूस होकर मतगणना स्थल से निकल गए। बीएनवी इंटर कालेज में रविवार सुबह आठ बजे से शुरू हुई मतगणना सोमवार शाम तक चली। रविवार दोपहर 3 बजे प्रधान पद के लिए पहला परिणाम आया। देर शाम तक करीब आठ ग्राम प्रधानों की जीत की घोषणा हो चुकी थी। जीत को लेकर आश्वस्त प्रत्याशियों के समर्थक देर रात तक मतगणना स्थल के बाहर डटे रहे। सोमवार सुबह से समर्थकों की भीड़ बढ़ने लगी। इसी के साथ विजयी प्रत्याशियों के नामों की घोषणा होती गई।सबसे ज्यादा वक्त जिला पंचायत सदस्य के मतों की गिनती में लगा। प्रमाणपत्र लेकर बाहर निकलते ही विजयी प्रत्याशियों को उनके समर्थक फूल-मालाओं से लाद देते। वहीं हारे हुए प्रत्याशी व उनके समर्थक अपनी हार का गुणाभाग लगाते हुए मायूस होकर लौटे।

लॉकडाउन में फीका रहा जीत का जश्न

कोरोना संक्रमण के चलते तीन दिन के साप्ताहिक लॉकडाउन ने पंचायत चुनाव के विजेताओं की खुशियों पर पानी फेर दिया। बाजार बंद होने के चलते उन्हें आसानी से मिठाई भी नसीब नहीं हुई। उनके समर्थकों ने किसी तरह फूल मालाओं की व्यवस्था जरूर कर ली। समर्थकों को नाश्ता व चाय के लिए तरसना पड़ा।

जिला पंचायत सदस्य चुनाव में भाजपा को खासा नुकसान उठाना पड़ा। जिला पंचायत की कुल 17 सीटों में पांच सीटों में ही भाजपा जीत हासिल कर सकी है। जबकि निषाद पार्टी ने एक सीट पर कब्जा किया। वहीं बसपा दो सीटें कब्जाने में कामयाब रही। सपा ने चार सीटों पर परचम फहराया है। अन्य सीटों पर निर्दलीय आगे चल रहे हैं।

सपा जिलाध्यक्ष के छोटे भाई की पत्नी हारी

सरसई ग्राम पंचायत में सपा जिलाध्यक्ष राजबहादुर पाल की अनुज वधू को हार का मुंह देखना पड़ा। वह तीसरे स्थान पर रहीं। सपा जिलाध्यक्ष खुद एक बार प्रधान थे, एक बार उनकी पत्नी प्रधान रह चुकी हैं। इस बार ग्राम पंचायत में सपा जिलाध्यक्ष के भाई की पत्नी कलावती चुनाव लड़ रही थी। जो तीसरे स्थान पर रहीं। वहीं ग्राम पंचायत कुरारा देहात में पांचवीं बार प्रधान पद पर एक ही परिवार का कब्जा बरकरार रहा। कुरारा देहात के मजरा पडुई निवासी राम सजीवन निषाद सन 1995 से 2005 तक प्रधान पद रहे। इसके बाद उनकी पत्नी सुघरवती 2010 से 2020 तक प्रधान पद रहीं। वहीं अब उनके बेटे अमित कुमार ने जीत हासिल कर ग्राम प्रधान पद पर अपना कब्जा बरकरार रखा है।

मौसेरे भाई को हराकर मुनेश बने बीडीसी

भरुआसुमेरपुर में क्षेत्र पंचायत वार्ड संख्या-25 मौहर से मौसरे भाई मुनेश कुमार व कोदू राम ने चुनाव लड़ा। जिसमें दोनों को बराबर 211- 211 मत मिले। जिस पर दोनों प्रत्याशियों की सहमति से लाटरी से परिणाम घोषित करने का निर्णय लिया गया। आरओ दिनेश सिंह की मौजूदगी में लाटरी डाली गई। जिसे ग्राम पंचायत विकास अधिकारी सोनाली सचान ने लाटरी खोली। जिसमें मुनेश कुमार विजयी घोषित किए गए।

82 साल की उम्र में फिर मिली प्रधानी

मुस्करा विकासखंड के गांव गहरौली से 82 वर्षीय वीरेंद्र कुमार राजपूत उर्फ बब्बू प्रधान ने एक बार फिर प्रधान पद पर जीत हासिल की। बतादें इससे पहले सन 1982 में पहली बार प्रधान बने थे और 1995 में उनकी पत्नी कुसमा रानी ने प्रधान पद की कमान संभाली थी। इस चुनावी घमासान में 82 वर्ष की उम्र में एक बार फिर बब्बू प्रधान ने महारथियों को पछाड़ते हुए 1415 वोट पाए और 172 वोटों से प्रतिद्वंदी प्रत्याशी राजकुमार राजपूत को शिकस्त दी।

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