कानपुर : उत्तर प्रदेश जिला कानपुर के संजीत यादव की हत्या के बाद उसके परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। परिजन अब भी यह मानने को तैयार नहीं है, कि उनका बेटा इस दुनिया में नहीं है। बहन रूचि ने भाई के जिंदा होने का विश्वास जताते हुए सोमवार को रक्षाबंधन पर संजीत की फोटो पर राखी बांधी और कहा, उसका भाई एक दिन जरूर वापस लौटेगा।
संजीत की बहन रुचि बार-बार एक ही बात दोहोराई, कि मेरा भाई मेरे बुजुर्ग माता-पिता का एक मात्र सहारा था। अब हम सब जियेंगे। पुलिस से गुहार लगाते हुए बहन रुचि ने कहा, कि वह किसी भी हाल में हो। उसे उसके भाई का शव ही लाकर देंदें ताकि आखरी बार अपने भाई हाथ पर राखी बांध लूं। सोमवार को रक्षाबंधन के मौके पर रुचि ने बेहद गमगीन माहौल में अपने भाई संजीत की फोटो पर राखी बांधी। इससे पहले संजीत की स्वर्गीय लिखी फोटो तैयार कराई गई थी, जिस पर रुचि को राखी बांधनी थी। फोटो में स्वर्गीय लिखा देखकर रुचि नाराज हो गई। उसने कहा, कि पुलिस झूठ बोल रही है।
नेताओं को लौटना पड़ा सूने हाथ लेकर
संजीत कांड को लेकर सभी राजनीतिक दल सक्रिय हैं। सोमवार को सुबह से ही संजीत की बहन रुचि से राखी बंधवाने के लिए कई नेता संजीत के घर पहुंचे। उन्होंने रुचि से राखी बांधने के लिए कहा, लेकिन उसने इंकार कर दिया। ऐसे में नेताओं को सूने हाथ लेकर वापस लौटना पड़ा।
26 या 27 जून को ही हत्या: एसएसपी
एसएसपी दिनेश कुमार ने बताया, कि बर्रा थाना पर 23 जून को संजीत यादव के अपहरण की शिकायत दर्ज हुई थी। 29 जून को फिरौती का कॉल आया। इसे लेकर क्राइम ब्रांच और सर्विलांस सेल की टीम गठित की गई। इस टीम ने कुछ लोगों को हिरासत में लिया है। इसमें उसके कुछ दोस्त और संजीत के साथ अन्य पैथोलॉजी में काम कर चुके लोग शामिल हैं। इनके द्वारा कबूला गया है, कि संजीत की इन्होंने 26 या 27 जून को ही हत्या कर दी थी और पांडु नदी में शव को बहा दिया। अलग-अलग टीम गठित करके शव की तलाश की जा रही है। वहीं मोबाइल और मोटरसाइिकल की बरामदगी के लिए भी जानकारी की जा रही है।
बता दें कि एक सप्ताह पहले पुलिस की आंखों के सामने अपहरणकर्ता रुपयों से भरा बैग लेकर फरार हो गए और पुलिस हाथ मलती रह गई, जिसके बाद एसएसपी कानपुर ने पीड़ित परिवार से मिलकर 4 दिन के भीतर युवक की बरामदगी का भरोसा दिया था। यह अवधि भी बीत गई लेकिन इसमें पूरी तरह फेल रही