लखनऊ : किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) को नया कुलपति मिल गया है। लेफ्टिनेंट जनरल डॉ. बिपिन पुरी वाइस चांसलर को बनाया गया है। वह अभी एम्स नई दिल्ली में प्रोफेसर एमेरिटस के पद पर कार्यरत हैं। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल व कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल की ओर से इनकी नियुक्ति के आदेश जारी कर दिए गए हैं। इन्हें पदभार ग्रहण करने की तारीख से तीन साल के लिए कुलपति बनाया गया है
लेफ्टिनेंट जनरल डॉक्टर बिपिन पुरी आर्म्ड फोर्स मेडिकल सर्विस के डीजी के साथ आर्मी मेडिकल कोर के सीनियर कर्नल कमांडेंट रह चुके हैं। पुणे स्थित आर्म्ड फोर्स मेडिकल कॉलेज से स्नातक लेफ्टिनेंट जनरल पुरी को सेना मेडिकल कोर में आठ दिसंबर 1979 को कमीशंड मिली थी। उन्होंने 1985 में आर्म्ड फोर्स मेडिकल कॉलेज से ही जनरल सर्जरी में पीजी किया था। जबकि 1993 में चंडीगढ़ के परास्नातक इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन व रिसर्च से एमसीएच किया है।
डॉक्टर पुरी की पहचान विश्व स्तरीय पीडियाट्रिक सर्जन की है। वह करीब 20 वर्ष तक सैन्य सेवा में रहे हैं। उन्होंने सैन्य सेवा में रहते हुए पीडियाट्रिक सर्जरी से जुड़ी विभिन्न विधाओं पर कई शोध पत्र प्रकाशित किए हैं। ऐसे में केजीएमयू मैं उनके नेतृत्व में सर्जरी से जुड़ी विधाओं को खासतौर से गत मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। लखनऊ के सेंट्रल कमांड और आरआर हॉस्पिटल दिल्ली में भी वह तैनात रह चुके हैं। वर्ष 2017 में उनको राष्ट्रपति ने विशिष्ट सेवा मेडल प्रदान किया था। जबकि जून 2016 में उनको राष्ट्रपति का ऑनरेरी सर्जन नियुक्त किया गया था।
बता दें कि पिछले 11 अप्रैल को केजीएमूय कुलपति का तीन वर्ष का कार्यकाल पूर्ण होने के बाद प्रो. एमएलबी भट्ट को तीन महीने का सेवा विस्तार दिया गया था। कोविड-19 महामारी के चलते उन्हें यह विस्तार दिया गया था। इस बीच नए कुलपति का चयन न हो पाने के कारण बीती 13 जुलाई को संजय गांधी पीजीआइ के निदेशक प्रो. आरके धीमान को केजीएमयू का कार्यवाहक कुलपति बनाया गया था और प्रो. भट्ट को कार्यमुक्त कर दिया गया था। सूत्रों की माने तो नई चयन प्रक्रिया में करीब 38 लोगों ने आवेदन किया। इसमें स्क्रीनिंग के बाद पांच लोगों का चयन किया गया। 3 दिन पहले राजभवन में साक्षात्कार हुआ। इसमें डॉक्टर पूरी के अलावा केजीएमयू, पीजीआई और एम्स के प्रोफेसर ने हिस्सा लिया था