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मौलाना यासूब अब्बास ने मुख्यमंत्री उप्र सरकार को लिखा खत।

 

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लखनऊ :  मौलाना यासूब अब्बास ने 19वी और 21वी रमज़ान के जुलूसों के सम्बन्ध में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखा खत।  पंचायती चुनाव, और चुनावी रैली में लाखों की तादाद में लोग जमा हो सकते हैं क्या सरकार कोविड19 की गाइड लाइन को मद्दे नज़र रखते हुए 19, 21 रमज़ान के जुलूसों क्यो नहीं निकलवा सकती ? कोविड19 की गाइड लाइन का पालन करते हुए सरकार शियों को 19 और 21 रमज़ान के जुलूस निकालने की अनुमति दे।

सिप्स हॉस्पिटल में भी खतम हुए ऑक्सिजन

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लखनऊ :  हॉस्पिटल के बाहर चिपकाया गया नोटिस, नोटिस में लिखा गया की आप सब को सूचित किया जाता है कि हॉस्पिटल में ऑक्सीजन की कमी हो जाने एवं सरकार की तरफ से ऑक्सीजन की उपलब्धता न होने के कारण हमको भी कोविड के नए मरीजों की भर्ती करने में असक्षम है। मरीजों की असुविधा के लिए हमें कष्ट है सिपस प्रबंधक हॉस्पिटल के दूसरे गेट पर पर नोटिस चस्पा हमारे पास सिर्फ 1 घंटे का ऑक्सीजन बचा है  मरीजों के तीमारदारों से अनुरोध है कि अपने मरीजों को कहीं और ऑक्सीजन वाला हॉस्पिटल में शिफ्ट करें। लखनऊ में ऑक्सीजन की किल्लत बरकार। लखनऊ के ट्रामा सेंटर के सामने सिप्स हॉस्पिटल का मामला।

27 से 30 तक अमीनाबाद की बाज़ारे बन्द

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लखनऊ :  27 से 30 तक अमीनाबाद की बाज़ारे बन्द बढ़ते कोविड संक्रमण को रोकने के लिए बाज़ारे रहेंगी बन्दझंडे वाला पार्क व्यापार मंडल, स्टेट बैंक व्यापार मंडल व दिलदार मार्किट बाजार रहेंगी बन्द  27 अप्रैल से 30 अप्रैल तक बाज़ारो को बन्द करने का लिया गया फैसला प्रदीप अग्रवाल, मुमताज आलम, रविन्द्र गुप्ता, एबी सिंग, कनक बैग, ममता बेल्ट हाउस और गाढ़ा भंडार के विचार के बाद लिया फैसल

प्रदेश की समस्त स्थानीय निकायों द्वारा कुल 183344 स्थलों पर करवाया गया व्यापक सैनिटाइजेशन

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फ्रंट लाइन वर्कर्स व सफाई कर्मचारियों का हो शत-प्रतिशत वैक्सीनेशन

मा. नगर विकास मंत्री  आशुतोष टंडन जी ने मंगलवार को कोविड 19 के परिप्रेक्ष्य में प्रदेश के 11 मण्डल की 81 नगर पालिकाओं के साथ की वर्चुअल बैठक

लखनऊ : मा. नगर विकास मंत्री  आशुतोष टंडन जी ने मंगलवार को कोविड-19 के परिप्रेक्ष्य में प्रदेश के 11 मण्डल की 81 नगर पालिकाओं के मा. अध्यक्ष एवं आधिशासी अधिकारियों(ईओ) के साथ वर्चुअल समीक्षा बैठक की। बैठक में उन्होंने कोविड 19 के बढ़ते मामलों के दृष्टिगत प्रदेश भर में योजनाबद्ध तरीके से सैनिटाइजेशन करानेव माइक्रों कंटेंमेंट जोन पर विशेष तौर पर नजर रखने के निर्देश दिए। मंत्री  ने निगरानी समितियों को और अधिक क्रियाशील बनाने को निर्देशित किया है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि कंटेनमेंट जोन व वीकेंड लॉकडाउन में वृहद स्तर पर सैनिटाइजेशन कराया जाए। फ्रंट लाइन वर्करों की सुरक्षा सुनिश्चित कर उनके अंदर से भय को निकालने के लिए उनके शत-प्रतिशत वैक्सीनेशन, कोविड टेस्ट, पीपीई किट, ग्लब्ज आदि के साथ-साथ समय से वेतन दिए जाने व सभी ड्यूज, बकाया भुगतान करने के निर्देश दिए हैं। वहीं उन्होंने बताया कि प्रदेश की समस्त स्थानीय निकायों द्वारा सैनिटाइजेशन के लिए 4813 टीमें गठित कर कुल 183344 स्थलों पर व्यापक सैनिटाइजेशन करवाया गया है।

प्रवासियों पर विशेष नजर रखी जाए

नगर विकास मंत्री ने कहा कि निगरानी समितियों को और एक्टिव करने की आवश्यकता है। उन्हें लोगों को कोविड-19 के प्रति अधिक से अधिक जानकारी देना चाहिए। निगरानी समिति के अध्यक्ष पार्षदों को बनाया गया है। जिससे वे अपने क्षेत्र की अच्छी तरह से निगरानी कर पाएं। लोगों को कोविड 19 को लेकर जागरूक करने के साथ-साथ बाहर से आने वाले प्रवासियों पर विशेष नजर रखी जाए। जिससे उनकी ट्रेसिंग व टेस्टिंग हो पाए। इसके अलावा मंत्री जी ने निर्देश दिए कि सभी नगर पालिकाओं में वार्डवार निगरानी समितियों की बैठक सुनिश्चित की जाए और उनमें नगर पालिका के अध्यक्ष एवं आधिशासी अधिकारियों (ईओ) की सहभागिता जरूर हो। मंत्री जी ने कहा कि समाज में सकारात्मक और जागरूकता के लिए माइक से प्रचार प्रसार किया जाये। नगर पालिका में संचालित वाहनों पर माइक लगाकर लोगों को कोविड-19 के प्रति जागरुक किया जाए।

प्रत्येक वार्ड में सघन सैनिटाइजेशन हो नगर विकास मंत्री

मंत्री  ने निर्देशित किया कि वीकेंड लॉकडाउन के शासनादेश के प्रारूप के अनुसार शनिवार व रविवार को सफाई एवं सैनिटाइजेशन करवाया जाए। फॉगिंग और सफाई और डोर टू डोर कूड़ा उठाने को लेकर शासनादेश के प्रारूप का पालन करना अनिवार्य है। साथ ही उन्होंने कहा कि सैनिटाइजेशन के लिए प्लान बनाया जाए। कंटेंमेंट जोन में सुबह-शाम सैनिटाइजेशन हो, प्रत्येक वार्ड में सघन सैनिटाइजेशन हो, शाम को व रात में प्रमुख बजारों में निरंतर सैनिटाइजेशन किया जाये। शनिवार और रविवार नगर पालिका के प्रत्येक क्षेत्र को गली-मोहल्लों को सैनिटाइज किया, सैनिटाइजेशन करते समय सोडियम हाइपोक्लोराइड की मात्रा मानक के अनुरूप हो।

फ्रंट लाइन वर्कर्स का हो टीकाकरण आशुतोष टंडन 

मंत्री ने कहा कि हमें फ्रंट लाइन वर्कर्स की सुरक्षा का भी पूरा ध्यान रखना है। उनके भय को भी दूर करना है। सभी का वैक्सीनेशन करवाना सुनिश्चित किया जाए। किसी भी सफाई कर्मचारी व फ्रंट लाइन वर्कर में कोविड-19 के लक्षण दिखने पर उनकी टेस्टिंग करायी जाए। संक्रमित होने पर उनका सही तरीके से इलाज सुनिश्चित हो। फ्रंट लाइन वर्कर को सभी सुरक्षा सामग्री उपलब्ध की जाये, स्वच्छता कर्मियों व फ्रंट लाइन वर्कर को समय से वेतन व ड्यूज क्लियर किये जाएं। यदि किसी भी व्यक्ति विशेष की वजह से वेतन या ड्यूज डिले होते हैं तो उस पर कठोर कार्रवाई की जाये।

 नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन  ने मंगलवार को कोविड 19 के परिप्रेक्ष्य में प्रदेश के 11 मण्डल की 81 नगर पालिकाओं के साथ की वर्चुअल बैठक

लखनऊ : वाल्व की बीमारी तब होती है जब हृदय के वाल्व या तो वाल्वुलर स्टेनोसिस या वाल्वुलर अपर्याप्तता के कारण सही ढंग से काम नहीं करते हैं । दिल के वाल्व रोग के कुछ शारीरिक लक्षणों में धड़कन, सांस लेने में कठिनाई, थकान, सीने में दर्द, कमजोरी या नियमित गतिविधि स्तर को बनाए रखने में असमर्थता, घबराहट या बेहोशी, टखने, पैर या पेट में सूजन शामिल हैं। डॉ सईद अख्तर, कार्डियोथोरेसिक सर्जन, रीजेंसी सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल्स, कानपुर ने कहा की सर्जरी के बाद आपकी स्थिति में धीरे-धीरे सुधार होगा, और आप देखेंगे कि प्रत्येक दिन आप थोड़ा बेहतर महसूस करेंगे। हालांकि, अपनी सामान्य दिनचर्या में वापस आने के लिए ऐसे मरीजों को अपनी जीवन शैली में बदलाव करने की आवश्यकता होती है।

डॉ सईद अख्तर, कार्डियोथोरेसिक सर्जन, रीजेंसी सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल्स, कानपुर ने कहा,बड़ी संख्या में मरीज़ दिल के वाल्व रोगों से पीड़ित हैं और उनमें से आधे को सर्जरी की आवश्यकता होती है। हमारे पास न केवल कानपुर और आसपास के शहरों से बल्कि बिहार से भी मरीज आते हैं। इनमें से ज्यादातर मरीज युवा हैं। वाल्व रोग चार वाल्वों में से एक या अधिक में हो सकता है। सर्जरी से पहले, कार्डियोलॉजिस्ट वाल्व की बीमारी के स्थान, प्रकार और सीमा की पहचान करने में मदद करने के लिए एक सावधानीपूर्वक चिकित्सा परीक्षा और नैदानिक परीक्षण करता है। फिर, सर्जरी के दौरान, सर्जन या तो रोगग्रस्त वाल्व मरम्मत करता है या बदल देता है। यदि सर्जन हृदय वाल्व को बदलने का फैसला करता है, तो पुराने वाल्व को हटा दिया जाता है और एक नया वाल्व पुराने वाल्व के एनलस को सिल दिया जाता है । नया वाल्व या तो मैकेनिकल होता हैं या बायोलॉजिकल (जैविक) हो सकता है। मैकेनिकल वाल्व पूरी तरह से विशेष धातुओं या मिश्र धातुओं से बने होते हैं और बायोलॉजिकल वाल्व पशु वाल्व के टिश्यू (ऊतकों) से बने होते हैं। रीजेंसी में हृदय वाल्व रोग का सस्ता और प्रभावी उपचार किया जाता हैं। इसका उपचार बीमारी के प्रकार और गंभीरता पर निर्भर करता है। हृदय वाल्व रोग के उपचार के तीन लक्ष्य हैं अपने वाल्व को और अधिक क्षति से बचाना; लक्षणों को कम करना; और वाल्व की मरम्मत या वाल्व बदलना। नैदानिक परीक्षणों के माध्यम से डॉक्टर हृदय वाल्व रोग के स्थान, प्रकार और सीमा की पहचान करता है। इन परीक्षणों के परिणाम, आपके दिल की संरचनाआपकी उम्र और जीवनशैली पर निर्धारित होता हैं। सामान्य रिकवरी का समय लगभग चार सप्ताह है, लेकिन यह आपकी स्थिति के आधार पर बदल सकता है।

डॉ सईद अख्तर ने कहा,आपके दिल के वाल्व की बीमारी वापस न आए इसके लिए आपको सावधानी बरतने कि सख्त ज़रूरत है। सही देखभाल के लिए अपने डॉक्टर से अपनी सेहत के बारे में बात करते रहे और ज़रूरत पड़ने पर मिले भी । वाल्व पर थक्का बनने से बचने के लिए मैकेनिकल वाल्व वाले मरीजों को एंटीकोगुलेंट थेरेपी (ब्लड थिनर) दी जाती है। इन रोगियों को दवा के बारे में बहुत विशेष ध्यान रखना चाहिए और नियमित रूप से दवाई लेनी चाहिए। रक्तस्राव या थक्का बनने की शिकायत से बचने के लिए उन्हें नियमित अंतराल पर कुछ आहार प्रतिबंध और रक्त परीक्षण की आवश्यकता होती है और अपने डॉक्टरों द्वारा सलाह के अनुसार नियमित रूप से अनुवर्ती कार्रवाई करनी चाहिए।

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