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बीएल संतोष ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कोरोना प्रबंधन की तारीफ की

लखनऊ :  भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कोरोना प्रबंधन की तारीफ की। दो दिवसीय प्रवास पर यूपी आए बीएल संतोष ने सोमवार को पार्टी के सभी प्रदेश महामंत्री, सभी छह क्षेत्रीय अध्यक्ष और सरकार के मंत्रियों के साथ कोरोना प्रबंधन ओर सेवा कार्य पर बात की थी। दूसरे दिन मंत्रियों से फीडबैक के बाद देर रात बीएल संतोष ने ट्वीट कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कोरोना प्रबंधन की तारीफ की। उन्होंने कहा कि कुछ ही सप्ताह में उत्तर प्रदेश में संक्रमण की दर में 93% कमी आई है। उत्तर प्रदेश 20 करोड़ से अधिक की आबादी वाला प्रदेश है। उन्होंने कहा कि डेढ़ करोड़ की एक नगर निकाय की आबादी के बराबर के प्रदेश के मुख्यमंत्री कोरोना को नियंत्रित नहीं कर पा रहे हैं, योगी ने बहुत प्रभावशाली तरीके से नियंत्रित किया है।

योगी सरकार के मंत्रियों से उनके कामकाज की जानकारी ली

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2022 की तैयारियों के मद्देनजर दो दिनी दौरे पर लखनऊ आए भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष ने योगी सरकार के मंत्रियों से उनके कामकाज की जानकारी ली। उन्होंने चुनाव को लेकर उनकी योजना, एजेंडा व प्लान जाना। इसके अलावा भविष्य की चुनौतियों से निपटने की तैयारियों के संबंध में बात की। उन्होंने मंत्रियों से सवाल किया कि अगर आज की तारीख में चुनाव कराए जाएं तो क्या परिणाम आएंगे? संतोष ने मंत्रियों से पूछा कि सरकार व संगठन के कामकाज को लेकर आम जनता में क्या धारणा है? चुनाव से पहले सुधार के लिए क्या काम किए जा सकते हैं? आपके विभाग की ऐसी क्या योजना लागू की जाए, जिससे अधिकाधिक लोगों को जोड़कर लाभांवित किया जा सके? मुख्यमंत्री कार्यालय और अधिकारियों से समन्वय व सहयोग की जानकारी ली और पूछा कि जनता को भाजपा की तरफ आकर्षित करने के लिए उनकी क्या तैयारी है?

बीएल संतोष के दौरे का दूसरा दिन गहमागमी भरा रहा। मंगलवार सुबह 9 बजे से मंत्रियों के साथ शुरू हुआ बैठकों का सिलसिला शाम 4 बजे प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, प्रदेश प्रभार राधामोहन सिंह और प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल के साथ हुई चाय पर चर्चा तक चला।संतोष देर शाम आरएसएस दफ्तर भारती भवन पहुंचे, वहां पर संघ के क्षेत्रीय व प्रांपदाधिकारियों से मुलाकात की। उन्होंने बीते साढ़े चार वर्ष में योगी सरकार और भाजपा संगठन के कामकाज को लेकर संघ के पास आए फीडबैक को भी समझा। हालांकि कहा जा रहा है कि राष्ट्रीय महामंत्री संगठन जब भी किसी प्रदेश में जाते हैं तो संघ के प्रचारक होने के नाते वहां संघ के प्रचारकों व प्रमुख लोगों से मुलाकात करते हैं।

संतोष ने उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व डॉ. दिनेश शर्मा, ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा, समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री, एमएसएमई मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह, श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य, कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर, परिवहन मंत्री अशोक कटारिया, बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री सतीश द्विवेदी, राज्यमंत्री गुलाबो देवी समेत अन्य मंत्रियों से अलग-अलग बंद कमरे में बात की।

इसमें प्रदेश अध्यक्ष, प्रदेश प्रभारी और प्रदेश महामंत्री संगठन को भी नहीं शामिल किया गया। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि संतोष ने मंत्रियों के दिल की बात जानने का प्रयास किया। मंत्रियों की शिकायतों और समस्याओं को जानने के साथ यह भी पता लगाने का प्रयास किया कि जनता व कार्यकर्ताओं के साथ उनका कितना संवाद, संपर्क और सामंजस्य है। पर, उन्होंने मंत्रियों को कोई सुझाव नहीं दिया, बल्कि उन्हें ही सरकार व संगठन के कामकाज पर बोलने का पूरा मौका दिया।

बीएल संतोष ने मंत्रियों से पूछा कि आप साढ़े चार वर्ष में कितने विधायकों से मिले और कितने विधानसभा क्षेत्रों का दौरा किया। आपने कितने विधायकों की शिकायतों या मांगों का निस्तारण किया। साथ ही कार्यकर्ताओं के वाजिब कितने काम कराए। उन्होंने पूछा कि मंत्रियों के बीच आपसी समन्वय कितना है? उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि राष्ट्रीय महामंत्री संगठन ने प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर को नियंत्रित करने के लिए कोरोना प्रबंधन और संभावित तीसरी लहर की रोकथाम के मुद्दे पर भी चर्चा की है।

पश्चिम बंगाल चुनाव परिणाम के बाद 37 भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या हुई

लखनऊ :पश्चिम बंगाल भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष दिलीप घोष ने मंगलवार को दावा किया, विगत 5 वर्षों में पश्चिम बंगाल में 166 भाजपा कार्यकर्ताओं ने बलिदान दिया है और विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद प्रदेश में 37 पार्टी कार्यकर्ताओं की हत्या हुई है। भारतीय जनता पार्टी की उत्तर प्रदेश इकाई ने मंगलवार को अपने पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के साथ पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद के माहौल को लेकर वर्चुअल माध्यम से चर्चा की और यह दावा किया कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रायोजित हिंसा फैला रही है।

भाजपा राज्य मुख्यालय से जारी बयान के अनुसार उत्तर प्रदेश के कार्यकर्ताओं के साथ खून से लथपथ बंगाल के परिदृश्य विषय पर पार्टी की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने चर्चा की जिसमें भाजपा राज्य मुख्यालय लखनऊ से भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं प्रदेश प्रभारी राधा मोहन सिंह, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह एवं प्रदेश महामंत्री (संगठन) सुनील बंसल शामिल हुए। बयान के अनुसार, पश्चिम बंगाल भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष ने उत्तर प्रदेश के कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि बड़ी संख्या में उत्तर प्रदेश से आप सभी ने विधानसभा चुनाव में पहुंचकर जो परिश्रम किया उसका परिणाम है कि भाजपा बंगाल में 77 विधानसभा सीटें जीती है।

घोष ने कहा कि बंगाल की पहचान क्रांतिकारियों, आध्यात्मिक संतो, समाज सुधारकों, रवींद्र संगीत, हरि संकीर्तन गंगासागर से कालीघाट तक विस्तृत साधना की भूमि तथा मिष्ठान की भूमि के रूप में है, परंतु दुर्भाग्य से आज बंगाल खून से लथपथ है, बंगबंधु की पीड़ा है तथा चारों ओर हाहाकार है। उन्होंने कहा कि बंगाल में जब भाजपा कार्यकर्ता पार्टी के काम से घर से निकलता है तो उसे नहीं पता होता है कि वह रात को घर पहुंचेगा भी या नहीं। घोष ने यह भी दावा किया कि विगत पांच वर्षों में 166 भाजपा कार्यकर्ताओं ने बलिदान दिया है, विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद 37 पार्टी कार्यकर्ताओं की हत्या हुई, पांच वर्षों में 30,000 से अधिक फर्जी मुकदमे हमारे कार्यकर्ताओं पर दर्ज किये गए।

भाजपा की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने कहा, बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के गुंडे हत्याएं कर रहे हैं, चारों तरफ दहशत है, ऐसे वातावरण में बंगाल के कार्यकर्ता देश के सम्मान के लिए, बंगाल के सांस्कृतिक सम्मान के लिए तथा भाजपा की विचारधारा के लिए कार्य कर रहे हैं और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के नेतृत्व में पार्टी का झंडा लेकर आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश व उत्तर प्रदेश का भाजपा परिवार आपके साथ है और कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ेगा। वर्चुअल प्लेटफार्म पर आयोजित चर्चा का संचालन एवं अतिथियों का परिचय उत्तर प्रदेश भाजपा के महामंत्री अमरपाल मौर्य ने किया

सभी जिलों में 18 से 45 साल के लोगों के लिए टीकाकरण अभियान शुरू

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में मंगलवार से सभी जिलों में 18 से 45 साल के लोगों के लिए टीकाकरण अभियान शुरू हो गया है। पहले दिन करीब 1.55 लाख युवाओं ने टीकाकरण कराया, जबकि 1.70 लाख का लक्ष्य रखा गया था। अभियान की शुरुआत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजधानी के बाबू केडी सिंह स्टेडियम से की। प्रदेश में 18 से 45 साल के करीब 35 लाख लोगों ने पंजीयन कराया है। मंगलवार से सभी जिलों में यह अभियान शुरू हो गया है। पहले दिन सुबह टीकाकरण अभियान की शुरुआत काफी धीमी रही। दोपहर बाद टीकाकरण की गति बढ़ी। शाम सात बजे तक 18 से 44 साल की उम्र वालों में टीकाकरण कराने वालों की संख्या 1.55 लाख हो गई थी।

अब तक प्रदेश में एक करोड़ 86 लाख 66 लाख 323 लोगों ने टीकाकरण कराया है। इसमें 1,51,62,374 ने पहली डोज एवं 35,03,949 ने दूसरी डोज ली है। उम्र के हिसाब से 18 से अधिक उम्र वालों में 21,07,299 ने पहली डोज और 19,302 ने दूसरी डोज ली है।बच्चों के अभिभावकों के टीकाकरण के लिए बनाए गए स्पेशल टीकाकरण बूथ पर सुबह से ही लोगों की भीड़ लग गई थी। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक इन बूथों में करीब 20 हजार लोगों ने टीकाकरण कराया है। इसे तरह कर्मचारियों एवं शिक्षकों के लिए भी अलग-अलग बूथ का संचालन किया गया।

नए डीजीपी को लेकर काउंटडाउन शुरू

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में नए डीजीपी को लेकर काउंट डाउन शुरू हो गया है। मौजूदा डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी 30 जून को रिटायर हो रहे हैं। नया डीजीपी कौन बनेगा इसके लिए कयास लगाए जाने लगे हैं। जिन अफसरों के नामों की चर्चा डीजीपी के रूप में की जा रही है, उनमें 1987 बैच के आईपीएस मुकुल गोयल का नाम सबसे ऊपर है। गोयल केंद्र में बीएसएफ में एडीजी हैं। हालांकि उनसे वरिष्ठ अधिकारियों में नासिर कमाल और सुजानवीर सिंह का नाम जरूर है, लेकिन उनके डीजीपी बनने की संभावना न के बराबर है।

नासिर कमाल केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं और सुजानवीर सिंह प्रशिक्षण निदेशालय में डीजी हैं। सुजानवीर का सितंबर में रिटायरमेंट भी है। गोयल के बाद वरिष्ठता के क्रम में डीजी ईओडब्ल्यू आरपी सिंह हैं। आरपी सिंह ने न सिर्फ ईओडब्ल्यू और एसआईटी को नई पहचान दी है, बल्कि कई बड़े घपलों की समयबद्ध जांच भी पूरी की है।

विश्वजीत महापात्रा को हाल ही में सीबीसीआईडी के डीजी के पद से हटाया गया है। निर्णय अगर जातीय समीकरण को देखकर किया जाएगा तो उसमें राजकुमार विश्वकर्मा के डीजीपी बनने की संभावना बढ़ जाएगी। हालांकि इसके लिए उन्हें कई अधिकारियों को सुपरसीड करना पड़ेगा। डीजीपी के रूप में डीजी जेल आनंद कुमार और डीजी इंटेलीजेंस डीएस चैहान के नामों की चर्चा भी है।

दरअसल प्रदेश का डीजीपी कौन होगा यह केंद्र सरकार का पैनल तय करता है। इसके लिए अधिकारी का 30 साल का रिकॉर्ड देखा जाता है। उसके बाद तीन नाम तय कर प्रदेश को भेजा जाता है, जिसमें मुख्यमंत्री तय करते हैं कि डीजीपी इन तीन में से कौन होगा।

प्रदेश सरकार कार्यवाहक डीजीपी भी बना सकती है। सुलखान सिंह के रिटायरमेंट के बाद आनंद कुमार 22 दिन तक कार्यवाहक डीजीपी रहे हैं। इसी तरह ओपी सिंह के रिटायरमेंट के बाद एचसी अवस्थी को पहले कार्यवाहक डीजीपी बनाया गया था, बाद में पूर्ण कालिक डीजीपी बनाया गया था।

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