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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस महकमे से संबंधित सभी निर्माण कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए

लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस महकमे से संबंधित सभी निर्माण कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने पुलिस लाइन, पीएसी बटालियन में आवासीय व अनावासीय भवन, थानों के निर्माण, पुलिस लाइन में बैरक के निर्माण कार्य को समयबद्ध तरीके से पूरा करने के लिए कहा है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों से कहा है कि निर्माण कार्यों की प्रगति एवं गुणवत्ता की जांच के लिए एसपी व एसएसपी खुद फील्ड विजिट करें। मुख्यमंत्री ये निर्देश सोमवार को पुलिस महकमे में चल रहे निर्माण कार्यों की समीक्षा के दौरान दिए। उन्होंने पुलिस विभाग के आधुनिकीकरण, उपकरणों व वाहनों की खरीद की भी समीक्षा की।

उन्होंने पुलिस ट्रेनिंग स्कूलों में प्रशिक्षण क्षमता दो गुना करने को कहा। उन्होंने लखनऊ सेफ सिटी योजना के तहत इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम, पिंक बूथ, पिंक टॉयलेट, आशा ज्योति केंद्र के भवन निर्माण, सड़क सुरक्षा कोष के तहत यातायात नियंत्रण के लिए उपयोगी उपकरणों की खरीद, यूपी 112 और फायर सर्विस, एसडीआरएफ, पीएसी के लिए उपयोगी उपकरणों से संबंधित खरीद फरोख्त को समय से पूरा करने के लिए कहा है।

मुलायम के बाद अखिलेश भी लगवाएंगे टीका

लखनऊ : सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के कोरोना का टीका लगवाने के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी टीका लगवाएंगे। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि जनाक्रोश को देखते हुए आख़िरकार सरकार ने कोरोना के टीके के राजनीतिकरण की जगह ये घोषणा करी कि वो टीके लगवाएगी। हम भाजपा के टीके के ख़िलाफ़ थे पर भारत सरकार के टीके का स्वागत करते हुए हम भी टीका लगवाएंगे व टीके की कमी से जो लोग लगवा नहीं सके थे उनसे भी लगवाने की अपील करते हैं। अखिलेश यादव द्वारा टीका लगवाने की बात करने पर योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि अखिलेश को वैक्सीन के बारे में पहले दिए गए अपने बयान पर माफी मांगनी चाहिए।

बता दें कि पूर्व में दिए गए अपने एक बयान में अखिलेश यादव ने कहा था कि मैं कोरोना का टीका नहीं लगवाऊंगा। ये टीका तो भाजपा वालों का है। मैं इस पर कैसे विश्वास कर सकता हूं। उनके इस एलान को राज्य के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने चिकित्सकों व वैज्ञानिकों का अपमान बताते हुए अखिलेश से माफी मांगने की मांग की थी। अखिलेश यादव के बयान पर सोशल मीडिया पर भी बड़ा हंगामा हुआ था। हालांकि, कुछ समय बाद अखिलेश यादव ने अपना बयान वापस लेते हुए कहा था कि वो पूर्ण परीक्षण होने के बाद कोरोना का टीका लगवाएंगे। सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने सोमवार को गुड़गांव में कोरोना का टीका लगवा लिया।

यूपी में अब सरकारी कार्यालयों में 50 प्रतिशत की उपस्थिति

लखनऊ : यूपी में अब सरकारी कार्यालयों में 50 प्रतिशत की उपस्थिति ही जरूरी है। अब 33 प्रतिशत लोगों के उपस्थित रहने की शर्त को खत्म कर दिया गया है। अभी तक उप सचिव व इनसे उच्च स्तर के सभी अधिकारी आते थे पर अब अनुसचिव व इनसे उच्च स्तर के सभी अधिकारी कार्यालय आएंगे। इस संबंध में आदेश जारी कर दिए गए हैं।

बसपा ने जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव को लेकर पार्टी की लाइन तय कर ली

लखनऊ : बसपा जिन जिलों में अपने जिला पंचायत अध्यक्ष का प्रत्याशी नहीं उतारेगी, उन जिलों में वह दूसरे किसी प्रत्याशी को जिताने की जगह हराने की रणनीति पर काम करेगी। पार्टी समर्थित सदस्यों को इस संबंध में निर्देश दे दिए गए हैं। बसपा ने जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव को लेकर पार्टी की लाइन तय कर ली है। बसपा के एक मुख्य जोन इंचार्ज ने बताया कि जहां पार्टी के पर्याप्त जिला पंचायत सदस्य हैं या कुछ प्रयास से बहुमत हासिल किया जा सकता है, वहां पार्टी प्रत्याशी उतारेगी।

अध्यक्ष के प्रत्याशियों का एलान जिला स्तर पर अधिकृत मुख्य जोन इंचार्ज करेंगे। जिन जिलों में पार्टी के इतने जिला पंचायत सदस्य नहीं हैं कि कितने भी प्रयास से अपना अध्यक्ष जिता सकें, वहां के लिए रणनीति अलग होगी। पार्टी ऐसे जिलों के लिए तय करेगी कि वहां किस प्रत्याशी को हराना है। हराने वाले प्रत्याशी को छोड़कर बसपा सदस्य किसी भी अन्य प्रत्याशी को वोट देने को स्वतंत्र होंगे। विश्लेषकों का कहना है कि बसपा सुप्रीमो मायावती ने लोकसभा चुनाव के बाद सपा से गठबंधन टूटने पर आगामी एमएलसी चुनावों में सपा के खिलाफ भाजपा या अन्य किसी भी पार्टी के उम्मीदवार को वोट दिलाने का खुला एलान कर अपनी भविष्य की रणनीति का संकेत कर दिया था।

आगामी जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में पार्टी की रणनीति उसी घोषणा पर आगे बढ़ने के रूप में देखा जाना चाहिए। यानी कि जहां बसपा जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव खुद नहीं जीत सकती वहां बसपा सदस्यों को सपा प्रत्याशियों को हराने वाले किसी भी दल के प्रत्याशी को वोट का विकल्प दिया जा सकता है। ऐसे में माना जा रहा है कि बसपा की इस रणनीति का ज्यादा फायदा भाजपा को हो सकता है।  हालांकि किस जिले में किस प्रत्याशी को समर्थन दिया जाए, इसका फैसला स्थानीय स्तर पर मुख्य जोन इंचार्ज जिला यूनिट से बात कर करेंगे। ऐसे में वास्तविक रूप से इस रणनीति का क्या असर हुआ यह चुनाव बाद ही पता चल सकेगा।

आरपी सिंह ने किया हनुमानगढ़ी में दर्शन पूजन

लखनऊ : रायबरेली एक्सप्रेस के नाम से मशहूर रहे भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व खिलाड़ी आरपी सिंह ने सोमवार की देर शाम अयोध्या पहुंचकर हनुमानगढ़ी के दरबार में हाजिरी लगाई। हालांकि देर शाम को पहुंचने के कारण रामलला के दरबार में माथा नहीं टेक सके।भारत के पूर्व तेज गेंदबाज आरपी सिंह सोमवार की शाम दिल्ली से सीधे अपनी मां के साथ अयोध्या पहुंचे। उन्होंने हनुमानगढ़ी में दर्शन पूजन कर हनुमान जी का भोग प्रसाद भी ग्रहण किया। दर्शन पूजन के दौरान वे भक्ति भाव में निमग्न नजर आए।

हनुमानगढ़ी के पुजारी राजू दास ने पूर्व क्रिकेटर आरपी सिंह व उनकी मां का रामनामा आदि भेंट कर स्वागत सम्मान किया। पुजारी राजू दास ने बताया कि देर से पहुंचने के कारण वे रामलला का दर्शन नहीं कर सके, क्योंकि शाम 6 बजे रामलला का दरबार भक्तों के लिए बंद हो जाता है। आरपी सिंह को रामलला का दर्शन न कर पाने का मलाल रहा। उन्होंने कहा कि अगली बार आएंगे तो रामलला का दर्शन जरूर करेंगे।

घर बैठे आनलाइन बनवाएं लर्निंग डीएल

 

लखनऊ : उत्तर प्रदेश भर में लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) बनवाने के लिए आवेदकों को अब संभागीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) और सहायक संभागीय परिवहन कार्यालय (एआरटीओ) जाना नहीं पड़ेगा। आवेदक अपने घर में ही ऑनलाइन आवेदन करके लर्निंग डीएल बनवा सकेंगे। परिवहन विभाग को उम्मीद है कि आवेदकों को एक जुलाई से यह सुविधा मिलने लगेगी। इससे सालाना प्रदेश के लगभग 20 लाख आवेदकों को सहूलियत हासिल होगी। परिवहन विभाग के आरटीओ (आईटी सेल) के प्रभात पांडेय ने मंगलवार को बताया कि लर्निंग डीएल के आवेदकों को ऑनलाइन आवेदन करने के दौरान सबसे पहले आधार को लिंक करना पड़ेगा। आधार नंबर फीड होते ही आवेदक की कुंडली का सत्यापन हो जाएगा। इसके बाद आवेदक डीएल फीस जमा करेंगे।

लखनऊ के संभागीय परिवहन  अधिकारी (प्रशासन) आरपी द्विवेदी ने बताया कि भारत सरकार की इस सुविधा के तहत लर्निंग डीएल के आवेदकों को सिर्फ आरटीओ और एआरटीओ कार्यालय जाना नहीं पड़ेगा। मगर लर्निंग डीएल पाने के लिए उनको ऑनलाइन टेस्ट देना पड़ेगा जो वह अपने घर या फिर साइबर कैफे में बैठकर दे सकते हैं। टेस्ट में पास होने पर उनका डीएल स्वीकृत कर दिया जाएगा जिसे वह खुद ही डाउनलोड करके प्रिंट कर सकेंगे।

केंद्र सरकार की लर्निंग डीएल घर बैठे बनाने की नई व्यवस्था में कोई जुगाड़ नहीं चलेगा। जो आवेदक ऑनलाइन टेस्ट में फेल हो गया उसे दोबारा टेस्ट देना पड़ेगा। यानी टेस्ट पास करने के बाद ही उसके हाथ में लर्निंग डीएल आएगा। प्रदेश भर में लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के नाम पर सभी आरटीओ और एआरटीओ कार्यालय में दलाल से लेकर कर्मचारी तक हर महीने करोड़ों रुपए की कमाई कर रहे हैं। मगर नई व्यवस्था में जब आवेदकों का आरटीओ जाना ही नहीं होगा तो यह कमाई बंद हो जाएगी।

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