
हजरतगंज में शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहीं युवतियों को जबरन हिरासत में लिया गया
लखनऊ : उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था वेंटिलेटर पर पहुंच चुकी है। लगभग हर दिन महिलाओं-युवतियों के साथ रेप, गैंगरेप और हत्या की घटनाएं सामने आ रही हैं। वहीं दूसरी तरफ गंभीर से गंभीर अपराधों में भी न तो सुनवाई हो रही है और न ही कार्रवाई। उल्टे आवाज उठाने पर पीडितों पर ही पुलिस अपना जोर दिखा रही है। हाथरस कांड के बाद चौतरफा घिरी यूपी पुलिस का एक और शर्मनाक चेहरा सामने आया है। अपने पिता की हत्या में इंसाफ और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग लेकर हजरतगंज पहुंचीं दो बेटियों को पुलिस ने जबरन पीट-घसीटकर थाने भेज दिया। मामला काकोरी कोतवाली क्षेत्र के ग्राम गदाई खेड़ा का है
जिम्मेदारों को जगाने के लिए हजरतगंज स्थित गांधी प्रतिमा पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहीं दो बहनों ने बताया कि 23 जुलाई को बड़ागांव के प्रधानपति और बेटों ने उनके पिता की हत्या कर दी थी। मृतक गांव के ही झंडेस्वर महादेव मंदिर में पुजारी था। बेटियों का आरोप है कि आरोपियों के साथ मिलकर स्थानीय पुलिस ने हत्या का मुकदमा दर्ज नहीं किया। उल्टे आरोपी ग्राम प्रधान व प्रधान पति ने पुलिस से मिलकर पीड़ितों पर ही गलत मुकदमा दर्ज करा दिया
पीड़ित बेटियों ने पिता को न्याय दिलाने के लिए कई उच्च अधिकारियों को शिकायती पत्र दिया। जिसके बाद काकोरी पुलिस ने हल्की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया। हत्या के दो महीने बाद भी अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं
बेटियों की मांग
विरोध प्रदर्शन कर रहीं बेटियों ने सात सूत्रीय ज्ञापन दिखाते हुए कहा, हमारी मांग है कि हत्यारों को तत्काल गिरफ्तार कर उन्हें जेल भेजा जाए। उन पर लगाया गया फर्जी मुकदमा हटाया जाए। ग्राम बधाई खेड़ा में खसरा संख्या 558 का पट्टा उनके परिवार के नाम किया जाए। मृतक पुजारी के परिवार के भरण-पोषण के लिए सरकार 2,50,0000 का मुआवजा दे