
लखनऊ : जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यतींद्र नाथ गिरी ने कहा कि देश की नई संसद में नए संविधान के साथ प्रवेश होना चाहिए। जनसंख्या पर रोक का कानून बनाने के अलावा धर्मांतरण को अपराध घोषित कर मदरसों व इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) को समाप्त किया जाए। राजधानी के विकास नगर स्थित जीवन दीप आश्रम पहुंचे महामंडलेश्वर ने कहा नई संसद के साथ नया संविधान बनाया जाए। यह सनातन हिंदू संस्कृति पर आधारित हो, जिसमें एक देश एक नागरिकता की बात हो। धर्म, जाति और मौलिक अधिकारों को लेकर भेद न हो, क्योंकि मौजूदा संविधान इन आधारों पर भेद करता है। समानता की बात तो की जाती है मगर ऐसा है नही। नए संविधान में आरक्षण पर पुनर्विचार हो। उन्होंने कहा कि मदरसे पूरी तरह समाप्त हों। आतंक और धर्मांतरण के लिए बहावी मदरसों और मौलानाओं को फंडिंग कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने जनसंख्या पर रोक के लिए कानून बनाने का आश्वासन साधु संतों को दिया था मगर अब तक इसे नहीं बनाया गया। जो भी दो बच्चों से अधिक पैदा करें उनके लिए कठोर सजा बिल अविलंब तय की जाए। असम सरकार की तरह उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को भी ऐसा बिल जल्द लाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि आईएमए ईसाई संगठन है, इसे समाप्त करना चाहिए। आयुर्वेद पूरी तरह बीमारी को ठीक करता है जबकि एलोपैथी मर्ज को दबाती है ठीक नहीं करती। कोरोना में बड़े-बड़े चिकित्सा संस्थानों ने आयुर्वेदिक काढ़ा पिलाया है। कोरोना वैक्सीन के संकट को लेकर कहा कि यह महामारी का समय है। ऐसे में केंद्र और राज्य सरकारों को मिलकर काम करना चाहिए। महामारी के दौर में मतभेद सही नही हैं। महामंडलेश्वर ने कहा कि देश के 98 प्रतिशत मुस्लिम हिंदू ही हैं। वह पूर्व में किन्हीं कारणों से मुस्लिम हुए। अब वह घर लौटना चाहते हैं तो हिंदुओं को दिल बड़ा करना चाहिए। उसके लिए रोटी और बेटी का संबंध बनाना होगा। यदि उनकी बेटी हमारे घर आती है तो उसका स्वागत हो। यह समझना चाहिए कि वह भी हिंदू ही है।