लखनऊ : सैय्यदा शमे ज़हरा मरहूमा बिंते सैय्यद अनवर हुसैन और सय्यद सादिक हुसैन इब्ने सैय्यद ज़ामिन हुसैन के ईसाले सवाब की मजलिस 27 नवम्बर इतवार को सुबह 9 बजे इमामबारगाह मरहूम मीर विलायत अली निगाही बेग में सम्पन्न हुई।
मस्जिद की शुरुआत तिलावते कुरान से हुई उसके बाद सोजख़्वानी जनाब फिरोज साहब और मुख्तलिफ शोअरा ने की।
मजलिस को खतीबे अहलेबैत आली जनाब मौलाना सैयद ग़ालिब ज़ैदी साहब इमामे जुमा जंगीपुर गाज़ीपुर ने खिताब किया।
मौलाना ने इंसान की ज़िंदगी को कर्बला की रौशनी में बयान करते हुए ज़िन्दगी और मौत में फर्क पर रोशनी डाली। उन्होंने बताया कि इस जिंदगी को सही तरीके से कैसे गुजारा जाए और सही रास्ते पर कैसे चला जाए। उन्होंने कहा कि जिंदगी ऐसे गुजारो लोग मिलने के लिए बेताब रहें और जब दुनिया से चले जाओ तुम्हारी अच्छाइयों की वजह से तुम को याद किया जाए।
आखिर में कर्बला के शहीदों के मसायब बयान किए।
मजलिस मैं कसीर तादाद में मोमनीन ने शिरकत की।