सोनभद्र : आज जिला समिति के पुनर्गठन समेत विभिन्न उद्देश्यों को लेकर अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम से सम्बद्ध सेवा समर्पण संस्थान के सह संगठन मंत्री आनन्द सर्किट हाउस में मीडिया से मुखातिब हुए। इस वार्ता के दौरान नगर पालिका के पूर्व चेयरमैन व समाजवादी चिंतक अजय शेखर, कवि जगदीश पंथी व साहित्यकार व लेखक पारसनाथ मिश्र समेत अन्य गण मान्य लोग मौजूद रहे।. पत्र प्रतिनिधियों से बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि जिला समिति का पुनर्गठन सम्पन्न हो गया है और नवनिर्वाचित जिलाध्यक्ष जे0सी0 विमल ने जिला इकाई का गठन भी कर लिया है।
प्रेस कांफ्रेस के दौरान सेवा समर्पण संस्थान के सह संगठन मंत्री आनन्द ने द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति का उम्मीदवार बनाने जाने पर अखिल वनवासी कल्याण आश्रम से सम्बद्ध सेवा समपर्ण संस्थान की तरफ से राजग के नीति निर्धारकों का आभार व्यक्त किया और कहा कि सदियों बाद जनजाति समाज को राजनीति के उच्च शिखर पर विराजमान होने का मौका मिलने जा रहा है जो त्रेता युग की याद दिलाता है जब भगवान राम लंका विजय के बाद अयोध्या में हुए उनके सम्मान समारोह में निषाद राज को अपने समकक्ष बैठा कर दिया था। उन्होंने कहा कि त्रेतायुग में रामराज्य के स्थापना के लम्बे अन्तराल के बाद अब स्वराज से सुराज व सुराज से रामराज्य की ओर बढ़ रही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सरकार के प्रति सम्पूर्ण जनजाति समाज अपनी कृतज्ञता व्यक्त करता है। सबका साथ सबका विकास के साथ-साथ अन्त्योदय की अवधारण अब मुर्त रूप लेने लगी है जिसका स्पष्ट उदाहरण राष्ट्रपति चुनाव में राजग की तरफ से द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति को चुनाव में उतारने को लेकर की गई घोषणा हैं। आगे उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि स्वतंत्रता के 75 साल के अवसर पर मनाए जा रहे अमृत महोत्सव काल में सेवा समर्पण संस्थान द्वारा परम्परनुसार लगने वाला 31वां अन्तर्राज्यीय स्वास्थ्य मेला सोनभद्र के सभी न्याय पंचायतों, मीरजापुर, चन्दौली के सीमावर्ती विकास खण्डों तथा बिहार, झारखण्ड, मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती गांवों में 125 कैम्प 1 जुलाई से 5 जुलाई तक होने जा रहा है, जिसमें पूर्वांचल के प्रतिष्ठित 750 चिकित्सकों द्वारा 75000 गिरिवासी, वनवासी, जनजातीय, समाज के लोगों को स्वस्थ्य एवं जागरूक बनाने की योजना है।
उन्होंने बताया कि अन्य धर्म अपना चुके आदिवासियों को जनजाति सूची से बाहर करने हेतु अभियान चलाये जाने की भी योजना है। जनजातिय धर्म संस्कृति, परम्परा को विशेष स्थान देते हुए भारत के संविधान में जनजातिओं को विशेष सुविधा दी गयी है। किन्तु इस परम्परा को छोड़कर अन्य धर्मों में गये लोग (ईसाई, मुस्लिम) जो अल्पसंख्यक के साथ-साथ जनजाति आरक्षण को हड़प रहे हैं, जिससे जनजाति समाज के सामने समाज में बराबरी व हिस्सेदारी का संकट खड़ा हो गया है। इसके लिये जनजाति सुरक्षा मंच के माध्यम से सम्पूर्ण देश में ऐसे लोगो को जनजाति सूची से बाहर करने का जो अभियान चल रहा है उस अभियान के सभी नेताओं की अखिल भारतीय (राष्ट्रीय) बैठक 18, 19, 20 अगस्त को चुनार में सम्पन्न होगी जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी जिला ईकाई सोनभद्र के होगी। उन्होंने कहा कि 15 नवंबर को बिरसा मुण्डा जयन्ती को जनजाति गौरव दिवस के रूप में मनाया जाएगा। 15 नवम्बर को विराट वन समागम में लम्बे समय से प्रतिक्षारत अनुसूचित जनजाति व अन्य परम्पराग वनाधिकार कानून को मुर्त रूप देते हुये 13 दिसम्बर 2005 तक अपनी आजीविका के लिये भूमि पर आश्रित होकर खेती-बारी व वागवानी से जीवन चला रहे। वनवासी समाज बहुप्रतिक्षित लम्बित मामले का निस्तारण करते हुए उन्हें भौमिक अधिकार देने की कार्य है। जिसके लिए महामहिम राज्यपाल आनंदी बेन पटेल स्वयं मॉनिटरिंग कर रही हैं। आगामी गौरव दिवस पर जिले के 50 हजार वनवासी लोगों को एक साथ वनाधिकार का पट्टा दिया जा सके।
सेवा समर्पण संस्थान संबद्ध अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम, जिला कार्यकारिणी घोषित हुई नवीन कार्यकारिणी
1-माननीय संरक्षक लखनराम जंगली
2- जिलाध्यक्ष विमल सिंह जे सी
3-उपाध्यक्ष हृदय नारायण सिंह , देवनारायण खरवार ,
4-मंत्री जयप्रकाश गोड़ ,
5-कोषाध्यक्ष अजीत गुप्ता ,
6-श्रद्धा जागरण प्रमुख दूधनाथ कुशवाहा ,
7-खेलकूद प्रमुख प्रताप नारायण सिंह ,
8-सह खेलकूद प्रमुख अनिल धागर ,
9-चिकित्सा प्रमुख डॉ अनूप मिश्रा ,
10-हित रक्षा प्रमुख प्रभाकर श्रीवास्तव ,
11-सह हित रक्षा प्रमुख धनंजय शुक्ला , मनोज मिश्रा ,
12-शिक्षा प्रमुख हरिश्चंद्र त्रिपाठी ,
13-बनवासी संपर्क प्रमुख रामसेवक खरवार ,
14-जिला कार्यालय प्रमुख राम नारायण गोड़
15-महिला कार्य प्रमुख रेखा गोंड
16- जिला कार्यसमिति सदस्य मानवेंद्र सिंह
17-प्रचार प्रसार-कमलेश
उन्होंने कहा कि 25 दिसंबर 2022 से 2 जनवरी 2023 तक देश का 23वां वनवासी राष्ट्रीय खेल महोत्सव का आयोजन सेवाकुंज आश्रम, सेवा समर्पण संस्थान कारीडाड़-चपकी में सम्पन्न होगा। जिसमें 29 राज्यों के 1500 वनवासी समाज के खिलाड़ी तथा 500 कोच निर्णायक, प्रबंधक और अन्य लोग भाग लेंगे।