बंगाल : पश्चिम बंगाल में 30 सितंबर को होने वाले उपचुनाव के मद्देनजर तृणमूल कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी ने अपनी तैयारी तेज कर दी है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भवानीपुर से चुनाव मैदान में हैं और वह बुधवार से अपना चुनाव प्रचार अभियान शुरू करने जा रही हैं। ममता अपने चुनाव प्रचार अभियान के दौरान भाजपा पर जोरदार हमला बोल सकती हैं और अपने वोटरों को लुभाने की कोशिश करेंगी। सबसे बड़ी बात यह है कि मुख्यमंत्री बने रहने के लिए उन्हें यह चुनाव जीतना ही होगा।
बता दें कि चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल की तीन विधानसभा सीटों-भवानीपुर, जंगीपुर और समसेरगंज में 30 सितंबर को उपचुनाव कराने की घोषणा की थी। भवानीपुर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पारंपरिक सीट है। टीएमसी ने बीते रविवार को आधिकारिक तौर पर घोषणा की थी कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भवानीपुर विधानसभा के लिए पार्टी की उम्मीदवार हैं। इसके अलावा, टीएमसी नेता जाकिर हुसैन और अमीरुल इस्लाम क्रमशः जंगीपुर और समसेरगंज सीटों के लिए पार्टी के उम्मीदवार होंगे।पश्चिम बंगाल में होने जा रहे उपचुनावों में कांग्रेस पार्टी भवानीपुर सीट पर अपना उम्मीदवार नहीं उतारेगी। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने मीडिया को इस बात की जानकारी दी है। उन्होंने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि पार्टी ने इस सीट पर उम्मीदवार नहीं उतारने का फैसला लिया है।
बंगाल भाजपा की ओर से ममता बनर्जी के खिलाफ भवानीपुर से उपचुनाव में लड़ने के लिए छह उम्मीदवारों की एक सूची तैयार की गई है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष की अगुवाई में मंगलवार को भाजपा चुनाव समिति की महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसमें ममता बनर्जी के खिलाफ उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा हुई। सूत्रों के अनुसार इन छह उम्मीदवारों में अनिर्बान गांगुली, प्रियंका टिबरेवाल, भवानीपुर रुद्रनील घोष, वरिष्ठ नेता तथागत रॉय, बंगाल भाजपा के उपाध्यक्ष प्रताप बनर्जी और विश्वजीत का नाम शामिल है।उपचुनाव के दंगल के बीच भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने ममता का मजाक उड़ाते हुए कहा कि अगर भाजपा ने मुझे फिर से मैदान में उतारा तो उनका क्या होगा? दो-तीन दिनों में पश्चिम बंगाल उपचुनाव के लिए भाजपा उम्मीदवारों की घोषणा की जाएगी। इधर, कांग्रेस आगामी भवानीपुर उपचुनाव में ममता के खिलाफ उम्मीदवार नहीं उतारने पर विचार कर रही है।