नईदिल्ली : पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्यव्यापी संपूर्ण लॉकडाउन में एक दिन की कमी कर पांचवीं बार बदलाव किया है. राज्य में अब 28 अगस्त को संपूर्ण लॉकडाउन नहीं होगा. मुख्य सचिव राजीव सिन्हा द्वारा जारी एक आदेश में कहा गया कि 28 अगस्त को संपूर्ण लॉकडाउन वापस लेने का फैसला कई जगह से आग्रह के बाद लिया गया. पश्चिम बंगाल सरकार के इस फैसले पर विपक्ष के नेताओं ने ममता सरकार पर निशाना साधा है. बीजेपी का कहना है कि ममता सरकार का यह फैसला राजनीति से प्रेरित है
मुख्य सचिव राजीव सिन्हा द्वारा जारी एक आदेश में कहा गया कि आग्रह में महीने के अंतिम सप्ताह में दो दिन-गुरुवार-शुक्रवार (27 और 28 अगस्त) को संपूर्ण लॉकडाउन की वजह से कारोबारी और बैंकिंग कामकाज में मुश्किल आने की बात कही गई. इसके बाद 31 अगस्त (सोमवार) को फिर संपूर्ण लॉकडाउन होना है. सरकार के पूर्व के आदेश के अनुसार इन तीन दिनों में संपूर्ण लॉकडाउन होना था. राज्य में पूर्व के आदेश के अनुसार इस महीने पांच दिन का संपूर्ण लॉकडाउन होना था, जो अब चार दिन होगा. आदेश में कहा गया कि इस महीने संपूर्ण लॉकडान की तारीख अब 20, 21, 27 और 31 अगस्त होंगी. इस महीने के शुरू में पांच और आठ अगस्त को संपूर्ण लॉकडाउन रहा था
ममता सरकार पर निशाना साधते हुए बीजेपी नेता राहुल सिन्हा ने कहा कि ममता बनर्जी ने लॉकडाउन की तारीखों में बदलाव करने का फैसला दो कारणों से लिया है पहला कारण राजनीतिक है और दूसरा कारण सांप्रदायिक है. 28 अगस्त को कांग्रेस के छात्र परिषद की वर्षगांठ के साथ ही तृणमूल छात्र परिषद के गठन की भी वर्षगांठ है. इसके बाद 29 अगस्त को मुहर्रम है. राहुल सिन्हा ने कहा है कि ममता सरकार ने खास समुदाय को रिझाने के लिए इन दो कारणों से इन दिनों में लॉकडाउन हटाया है
कांग्रेस नेता अधीर चौधरी ने भी ममता सरकार पर इस फैसले के लिए तंज कसा है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को राज्य में लॉकडाउन की तारीखें घोषित करने से पहले डॉक्टरों से संपर्क करना चाहिए. इस तरह के लॉकडाउन की घोषणा और तारीखों में बदलाव से मकसद पूरा नहीं होता है. वहीं माकपा नेता सुजान चक्र ने कहा कि ममता सरकार ने लॉकडाउन को मजाक बनाकर रख दिया है. जबकि यह एक गंभीर मुद्दा है कोरोना को फैलने से रोकने के लिए इसे लगाए रखना चाहिए