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भारत और बांग्लादेश के युद्ध में शहीद के बेटे ने ट्रेन से कटकर दी जान

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रिटायर सैन्यकर्मी अर्मापुर की डीएससी लाइन में थे तैनात

कानपुर :   मूलरूप से गाजीपुर के गहमर निवासी सदरूद्दीन (40) 2012 में सेना से रिटायर होने के बाद अर्मापुर स्थित डीएससी लाइन में कार्यरत थे। वह पत्नी सलमा, तीन बेटियों सदाना, अफसाना, आयशा और बेटे मो. शमशेर व मो. सैफ अली के साथ डीएससी प्लाटून फील्डगन में रहते थे। बेटे शमशेर ने बताया कि उसके दादा अब्दुल गफ्फार सेना में थे और उन्होंने वर्ष 1971 में भारत और बांग्लादेश का युद्ध लड़ा था

जिसमें वह शहीद हो गए थे। बीते ढाई साल से पिता सदरुद्दीन का मानसिक संतुलन खराब चल रहा था जिसका इलाज भी चल रहा था। रविवार को वह ड्यूटी पर जाने की बात कहकर घर से निकले थे लेकिन देर रात तक नही लौटे। परिजनों ने काफी तलाश की लेकिन उनका कुछ पता नही चल सका। सोमवार को उनका शव अर्मापुर नहर के पास स्थित दिल्ली-हावड़ा रूट पर पड़ा मिला सूचना पर पहुंची जीआरपी ने उनके जेब में मिले पहचान पत्र के जरिए परिजनों को सूचना दी। उनकी मौत की खबर सुनकर परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया।

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