लखनऊ : पुराने लखनऊ के नख्खास मे आज शिया समुदाय के सैकड़ो लोगो ने कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए ज़रूरी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए सउदी अरब सरकार के खिलाफ आन लाईन सोशल मीडिया के माध्यम से ज़बरदस्त विरोध प्रदर्शन किया। आल इन्डिया शिया पर्सनल ला बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना यासूब अब्बास के आवाहन पर हुए आन लाईन विरोध प्रदर्शन में शिया समुदाय के लोगो ने काले कपड़े पहन कर और अपने अपने घरो पर काले झण्डे लगा कर सउदी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
सोमवार की दोपहर हुए आन लाइन विरोध प्रदर्शन के बाद शिया धर्म गुरू मौलाना यासूब अब्बास के नेतृत्व मे नख्खास स्थित अवध प्वाईन्ट के बाहर विरोध प्रदर्शन के बाद ब्लेड का मातम किया गया । मौलाना यासूब अब्बास ने भी इस दौरान ब्लेड का मातम किया अवध प्वाईन्ट के बाहर एक एक मीटर की दूरी पर बनाए गए सफेद रंग के गोलो मे खड़े लोगो को मौलाना यासूब अब्बास ने सोशल डिस्टेंसिंग बनाते हुए सम्बोधित करते हुए कहा कि 94 साल पहले सउदी अरब के शासक आले सउद ने जन्नतुल बकी मे मोहम्मद साहब के खानदान वालो और उनकी बेटी के रौज़ो को ध्वस्त कर दिया था उन्होने कहा कि सउदी सरकार जिस रसूल का कलमा पढ़ती है उस रसूल की बेटी की कब्र पर आज कोई साया नही है।
सउदी सरकर के खिलाफ मुर्दाबाद के नारो लगाते हुए मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि शर्म की बात है कि सउदी शासक अपने बड़े महलो मे रह रहे है लेकिन रसूल की बेटी की कब्र खुले आसमान के नीचे है। मौलाना यासूब अब्बास ने सउदी सरकार से मांग की है कि सरकार जन्नतुल बकी मे रौज़ो का निर्माण खुद कराए या तो फिर हमे इज़ाज़त दे कि हम जाकर रौज़ो का निर्माण करे। नख्खास स्थित अवध प्वाईन्ट के बाहर हुए विरोध प्रदर्शन और ब्लेड के मातम के बाद मौलाना यासूब अब्बास ने एसीपी चाौक दुर्गा प्रसाद तिवारी के माध्यम से भारत के प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेज कर उनसे मांग की है कि भारत सरकार सउदी सरकार पर दबाव बनाए कि वो ध्वस्त किए गए रोज़ो का पुनः निर्माण कराए।
इसके अलावा एक ज्ञापन भारत मे सउदी दूतवास को भी भेजा गया है। अनलाक वन के पहले दिन पुराने लखनऊ मे हुए विरोध प्रदर्शन को लेकर पुलिस प्रशासन पहले से ही पूरी तरह से मुस्तैद था लेकिन शिया समुदाय द्वारा आन लाईन विरोध प्रदर्शन कर अपनी विरोध भी दर्ज करा दिया गया और पुलिस प्रशासन की परेशानी को भी नही बढ़ाया और अवध प्वाईन्ट के बाहर सोशल डिस्टेंिसग का पलन करते हुए मुंह मे मास्क लगा कर और दूरी बना कर विरोध प्रदर्शन और मातम करने के बाद कुछ देर मे ही अपने सभी लोग अपने घर चले गए इस दौरान न तो किसी तरह की भीड़ ही एकत्र हुई और न ही यातायात व्यवस्था मे बाधा आई। आपको बता दे कि हर साल ईद के आठवें दिन मौलाना यासूब अब्बास के नेतृत्व मे शहीद स्मारक पर सउदी सरकार के खिलाफ विशाल विरोध प्रदर्शन किया जाता था जिसमे हज़ारो की संख्या मे लोग एकत्र होते थे लेकिन इस बाद कोरोना वायास के खतरे से खुद बचते हुए और दूसरो को भी कोरोना के खतरे से बचाते हुए आन लाई विरोध प्रदर्शन का तरीका अपनाते हुए बेहद संजीदगी के साथ ब्लेड का मातम कर सउदी सरकार के खिलाफ विरोध दर्ज कराया गया।