लखनऊ : मोदी सरकार गांधी परिवार के तीन ट्रस्टों की वित्तीय गतिविधियों की जांच कराने जा रही है। इनमें राजीव गांधी फाउंडेशन ट्रस्ट भी शामिल है। केन्द्र ने यह कदम राजीव गांधी फाउंडेशन ट्रस्ट में चीनी फंडिंग के खुलासे के बाद उठाया है। राजीव गांधी चेरिटबल ट्रस्ट और इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्रस्ट की भी जांच के आदेश दिए गए हैं। गृह मंत्रालय ने तीनों ट्रस्टों की जांच के लिए एक अंतर-मंत्रालय कमेटी बनाई है, जो इन ट्रस्टों की फंडिंग व वित्तीय अनियमितताओं की जांच करेगी। ईडी के स्पेशल डायरेक्टर को इस कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है।
यह कमेटी तीनों ट्रस्टों के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉंड्रिंग एक्ट (पीएमएलए), इनकम टैक्स और एफसीआए (विदेशी योगदान) नियमों के उल्लंघन की जांच करेगी। आरोप यह भी हैं कि यूपीए सरकार के समय वर्ष 2005 से 2008 तक प्रधानमंत्री राहत कोष से इस ट्रस्ट को धनराशि उपलब्ध कराई गयी।
जेपी नड्डा ने लगाया था आरोप
बता दें कि हाल ही में भाजपा के राष्टीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने आरोप लगाया था कि राजीव गांधी फाउंडेशन ट्रस्ट को चीन से चंदा मिलता है। नड्डा के आरोपों को खारिज करते हुए कांग्रेस ने कहा था कि चीन के साथ मौजूदा तनाव से ध्यान भटकाने के लिए ऐसी बातें की जा रही हैं।
क्या है राजीव गांधी फाउंडेशन ट्रस्ट
राजीव गांधी फाउंडेशन ट्रस्ट की स्थापना कांग्रेस की मौजूदा अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 21 जून 1991 में थी। इस ट्रस्ट का उद्देश्य राजीव गांधी के सपनों को पूरा करना बताया गया था। यह ट्रस्ट प्राथमिक शिक्षा, साइंस एंड टेक्नोलॉजी के प्रमोशन, शोषित और दिव्यांगों के सशक्तिकरण की दिशा में काम करता है। इसका कामकाज डोनेशन से मिलने वाली रकम से चलता है। सोनिया इसकी चेयरपर्सन हैं। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के अलावा राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और पी. चिदंबरम ट्रस्टी हैं।