
प्रयागराज : राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ प्रयागराज द्वारा प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर आज गुरुवार को जिलाध्यक्ष कामता नाथ के नेतृत्व में जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश शासन को संबोधित परिषदीय बेसिक शिक्षकों की लंबित मांगों और मौलिक समस्याओं को लेकर 10 सूत्रीय मांग पत्र देकर समस्याओं के निस्तारण की मांग की गई है। प्रधानाध्यापकों और अध्यापकों के वार्षिक गोपनीय आख्या के पैरामीटर्स निर्धारित करने वाले काला कानून-पत्र को वापस लेने, शिक्षकों को राज्य कर्मचारी का दर्जा देने, 10 लाख का स्वास्थ्य बीमा एवं दुर्घटना के कारण असमायिक निधन पर 20 लाख का सामूहिक बीमा कवर देने की मांग को लेकर राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के आवाहन पर मुख्यालय पर प्रदर्शन किया गया।
मांगों के संबंध में जिलाध्यक्ष कामता नाथ ने बताया कि महानिदेशक स्कूल शिक्षा लखनऊ के द्वारा 8 जनवरी 2021 को जारी पत्र में परिषदीय विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों और अध्यापकों के वार्षिक गोपनीय आख्या के पैरामीटर्स निर्धारित किये गये हैं, जिनका शिक्षकों से सीधा संबंध नही होने के बाद भी अंक निर्धारण करना शिक्षकों का शोषण होने के अलावा कुछ नहीं है। इस काला कानून पत्र को वापस किया जाये। ज्ञापन में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षकों को भी उत्तराखंड राज्य की भांति राज्य कर्मचारी का दर्जा दिया जाए। विशिष्ट बीटीसी 2004 बैच के शिक्षकों को पुरानी पेंशन का लाभ तकनीकी बाधाओं को दूर करते हुए दिया जाये।
प्रत्येक प्राथमिक विद्यालय और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में प्रधान अध्यापक पदों पर पदोन्नति पूर्व में सृजित पदों के आधार पर यथाशीघ्र की जाये। साथ ही उच्च प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक पदों पर भी पदोन्नतियां नियमित रूप से की जाएं। ज्ञापन में मांग की गई है कि विगत कई वर्षों से जनपद के अंदर शिक्षकों के स्थानांतरण की प्रक्रिया स्थगित है, इसलिए जनपद के अंदर शिक्षकों के पारदर्शी स्थानांतरण प्रक्रिया को शैक्षिक सत्र 2020- 21 से पूर्व संपन्न किया जाए। प्रत्येक शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को रुपये दस लाख का स्वास्थ्य बीमा और विभिन्न घटनाओं के कारण आकस्मिक निधन की स्थिति में शिक्षकों को रुपए 20 लाख का सामूहिक बीमा कवर दिया जाए। शिक्षक की असामयिक मृत्यु की दशा में बेसिक शिक्षा विभाग में होने वाली अनुकंपा आधार पर नियुक्ति में शिक्षक पद की वांछित योग्यता ना होने की स्थिति में तृतीय श्रेणी कर्मचारी की योग्यता रखने वाले आश्रितों की नियुक्ति अनिवार्य रूप से लिपिक पद पर किए जाने के संबंध में शासनादेश निर्गत किया जाए।
ज्ञापन में कहा गया है कि बेसिक शिक्षा विभाग में कार्यरत लाखों शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के साथ-साथ उनके करोड़ों आश्रितों की उपरोक्त समस्याओं एवं मांगों पर विचार करते हुए शासनादेश और विभागीय आदेश जारी करने के लिए आवश्यक कार्यवाही कराने का कष्ट करें। ज्ञापन देने वालों में राम आसरे सिंह, जाह्नवी जोशी, कुसुम मिश्रा, सविता शर्मा, सुतीक्ष्ण त्रिपाठी, दीपक श्रीवास्तव, उमाशंकर त्रिपाठी, सहर्ष चित्रांशी रविकांत शुक्ला, कृष्ण मणि मिश्रा, चंदन यादव, शारदा यादव, नरेन्द्र सिंह आदि उपस्थित रहे।
फोटो 21 जनवरी 7 जेपीजी है।