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राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने बेसिक शिक्षकों की 10 सूत्रीय मांगों को लेकर दिया ज्ञापन

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मथुरा: राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ मथुरा के द्वारा  प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर गुरुवार को जिलाध्यक्ष मुकेश शर्मा के नेतृत्व में जिलाधिकारी के प्रतिनिधि के रूप नगर मजिस्ट्रेट जवाहर लाल श्रीवास्तव के माध्यम से मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश शासन को संबोधित परिषदीय बेसिक शिक्षकों की लंबित मांगों और मौलिक समस्याओं को लेकर 10 सूत्रीय मांग पत्र देकर समस्याओं के निस्तारण की मांग की गई है।

प्रधानाध्यापकों और अध्यापकों के वार्षिक गोपनीय आख्या के पैरामीटर्स निर्धारित करने वाले काला कानून-पत्र को वापस लेने, शिक्षकों को राज्य कर्मचारी का दर्जा देने, 10 लाख का स्वास्थ्य बीमा एवं दुर्घटना के कारण असमायिक निधन पर 20 लाख का सामूहिक बीमा कवर देने की मांग को लेकर राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के आवाहन पर मुख्यालय पर प्रदर्शन किया गया।

जिलाधिकारी के माध्यम से प्रदेश मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन में कहा गया है कि राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश के द्वारा बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों से संबंधित मौलिक समस्याओं को समय-समय पर विभागीय अधिकारियों के सम्मुख रखा गया है, लेकिन बेसिक शिक्षा विभाग उत्तर प्रदेश द्वारा शिक्षकों की समस्याओं और मांगों पर विचार- विमर्श के उपरांत भी समग्रता से अभी तक लागू नहीं किया गया है।

मांगों के संबंध में जिलाध्यक्ष मुकेश शर्मा ने बताया कि महानिदेशक स्कूल शिक्षा लखनऊ के द्वारा 8 जनवरी 2021 को जारी पत्र में परिषदीय विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों और अध्यापकों के वार्षिक गोपनीय आख्या के पैरामीटर्स निर्धारित किये गये हैं, जिनका शिक्षकों से सीधा संबंध नही होने के बाद भी अंक निर्धारण करना शिक्षकों का शोषण होने के अलावा कुछ नहीं है। इस काला कानून पत्र को वापस किया जाये। उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षकों को भी उत्तराखंड राज्य की भांति राज्य कर्मचारी का दर्जा दिया जाए। विशिष्ट बीटीसी 2004 बैच के शिक्षकों को पुरानी पेंशन का लाभ तकनीकी बाधाओं को दूर करते हुए दिया जाये।

प्रत्येक प्राथमिक विद्यालय और उच्च प्राथमिक विद्यालयों  में प्रधान अध्यापक पदों पर पदोन्नति पूर्व में सृजित पदों के आधार पर यथाशीघ्र की जाये। साथ ही उच्च प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक पदों पर भी पदोन्नतियां नियमित रूप से की जाएं।

गोवर्धन दास जिला मीडिया प्रमुख ने बताया कि मांग की गई है कि विगत कई वर्षों से जनपद के अंदर शिक्षकों के स्थानांतरण की प्रक्रिया स्थगित है, इसलिए जनपद के अंदर शिक्षकों के पारदर्शी स्थानांतरण प्रक्रिया को शैक्षिक सत्र 2020- 21 से पूर्व संपन्न किया जाए। प्रत्येक शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को रुपये दस लाख का स्वास्थ्य बीमा और विभिन्न घटनाओं के कारण आकस्मिक निधन की स्थिति में शिक्षकों को रुपए 20 लाख का सामूहिक बीमा कवर दिया जाए।

ज्ञापन में कहा गया है कि बेसिक शिक्षा विभाग में कार्यरत लाखों शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के साथ-साथ उनके करोड़ों आश्रितों की उपरोक्त समस्याओं एवं मांगों पर विचार करते हुए शासनादेश और विभागीय आदेश जारी करने के लिए आवश्यक कार्यवाही कराने का कष्ट करें।

ज्ञापन देने वालों में श्रीमती अंजना शर्मा, जिला महामंत्री, गोविंद सिंह, वीरेंद्र सिंह कुशवाह, हेमराज सिंह, गोविंद सिंह, देवेंद्र कुमार, हरिओम गुप्ता सत्य प्रकाश शर्मा, इंद्रपाल सिंह, अशोक कुमार शर्मा, शूरवीर सिंह यादव, सुरेंद्र सिंह यादव, जयवीर सिंह, अनिरुद्ध कौशिक, सुरेश उपाध्याय, हंसराज सिंह, बच्चू सिंह, प्रदीप चैधरी   पूनम गर्ग विनीता वर्मा, गोपाल सारस्वत भगवान सिंह पचोरी देवेंद्र कुमार वीरेंद्र शर्मा, देवदत्त,  जितेंद्र  मित्तल,  केशव देव, सुंदर सिंह, मुकेश मोहन सिंह आदि मुख्य सेे उपस्थित रहे।

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