लखनऊ: कोरोना संक्रमण का बढ़ता प्रकोप राजधानी लखनऊ में भी खूब दिखाई दे रहा है। शुक्रवार को लखनऊ में मिले 7 केसों के साथ कोरोना पॉजिटिव की कुल संख्या 225 हो गई है। पिछले 20 दिनों के आंकड़ों पर ध्यान दें तो राजधानी में लगातार कोरोना के मरीज मिल रहे हैं। 10 अप्रैल के बाद से राजधानी लखनऊ में हालात ज्यादा खराब हो गए। खास तौर से लखनऊ के सदर इलाके में करीब 90 मरीज मिलने के बाद आंकड़ों में तेजी से उछाल देखा गया। राजधानी में फिलहाल कुल 18 हॉटस्पॉट है, लेकिन मरीजों की भारी तादाद को देखते हुए सभी सरकारी एजेंसियों ने लखनऊ को रेड जोन के कॉलम में ही रखा है। लखनऊ में पिछले 20 दिनों से ऐसा कोई भी दिन नहीं हो रहा है जिसमें कोरोना संक्रमण के मरीजों की संख्या न बढ़ी हो राजधानी लखनऊ में 20 दिनों से कोरोना का चेन टूटने का नाम नहीं ले रहा।
राजधानी लखनऊ के लिए 15, 16, 17 और 18 अप्रैल काफी अहम रहे। 15 अप्रैल को लखनऊ में 31 नए केस मिले थे, वहीं 16 अप्रैल को 25 नए केस मिले। 17 अप्रैल को 7 नए केस जबकि 18 अप्रैल को लखनऊ में रिकॉर्ड तोड़ 53 केस पॉजिटिव मिले थे। 15 अप्रैल से लेकर 18 अप्रैल के बीच सिर्फ 4 दिनों में 116 कोरोना संक्रमण केस लखनऊ में मिले। इतनी भारी तादाद में केसों के मिलने के बाद लगातार कोरोना संक्रमण का सिलसिला जारी है।
लखनऊ के जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश का मानना है कि हॉटस्पॉट में लॉकडाउन को सख्ती से पालन करवाने पर कई सारे फायदे नजर आए हैं। हॉटस्पॉट वाले इलाकों में अगर सख्ती से लॉकडाउन का पालन नहीं करवाया जाता तो हालात और ज्यादा खराब हो जाते। हॉटस्पॉट इलाकों को सील करने के बाद इन इलाकों में लगातार कोरोना पॉजिटिव तादाद घटी है।
राजधानी लखनऊ को लेकर विशेषज्ञ मानते हैं कि मई का महीना कोरोना के लिए बेहद अहम होगा साथ ही पहले हफ्ते पर भी सभी सरकारी एजेंसियों की नज़र है। एक तरफ 225 केस में से 77 लोग ठीक होकर घरों को जा चुके हैं, वहीं अगले 1 हफ्ते में 60 से 70 और लोगों के ठीक होने की उम्मीद है। इतनी भारी तादाद में लोगों के डिस्चार्ज होने के बाद ही जिला प्रशासन और स्वास्थ विभाग नया रोडमैप तैयार करेगा कि आखिर राजधानी को कोरोना के कहर से कैसे बचाया जाए।