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कुष्ठ रोग से लड़ने की दिलाई शपथ, मरीजों को किट बांटी

कुष्ठ निवारण दिवस के रूप में मनी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्य तिथि

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आज से सघन कुष्ठ रोगी खोज एवं निगरानी अभियान का हुआ शुभारंभ

हमीरपुर :राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्य तिथि पर सोमवार को कुष्ठ निवारण दिवस मनाया गया। इसके साथ ही एक माह तक चलने वाले सघन कुष्ठ रोगी खोज एवं निगरानी अभियान की शुरुआत हो गई। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.रामअवतार ने कुष्ठ से लड़ने की शपथ दिलाई। कुष्ठ की वजह से दिव्यांग हुए मरीजों को किट वितरित की और प्रचार वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के चित्र पर माल्यार्पण के साथ हुई। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि कुष्ठ रोग का इलाज संभव है। शरीर में किसी भी तरह के दाग-धब्बे या सुन्नपन आता है तो तत्काल इसे डॉक्टर को दिखाना चाहिए ताकि समय से उपचार हो सके और कुष्ठ का निवारण हो। उन्होंने कहा कि आज से सघन कुष्ठ रोगी खोज एवं निगरानी अभियान शुरू हो रहा है, इस अभियान में सभी जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारी को अच्छी तरह से निभाएं ताकि कुष्ठ पर अंकुश लगाया जा सके।
जिला कुष्ठ रोग अधिकारी डॉ.कमलेशचंद्र ने बताया कि कुष्ठ रोग बैक्टीरिया (माइक्रोबैक्टीरियम लेप्रे) के कारण होता है। प्रभावित मरीज के उपचार न कराने के कारण यह रोग दूसरे लोगों तक पहुंचता है। उन्होंने बताया कि गहरी रंग की त्वचा के व्यक्ति में हल्के रंग के धब्बे और हल्के रंग के व्यक्ति की त्वचा में गहरे अथवा लाल रंग के धब्बे कुष्ठ के लक्षणों में आते हैं। इस कार्यक्रम में कुष्ठ की वजह से दिव्यांग हुए करीब 40 मरीजों को सेल्फ केयर किट, एमसीआर चप्पल, कंबल और फल वितरित किए गए। इसके बाद प्रचार वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में कुष्ठ के 27 मरीज उपचाराधीन है और 67 ऐसे मरीज हैं जो कुष्ठ की वजह से दिव्यांग हो चुके हैं, जिन्हें प्रतिमाह तीन हजार रुपए पेंशन मिल रही है।
कार्यक्रम में जिला मलेरिया अधिकारी आरके यादव, कुष्ठ परामर्शदाता डॉ.मुकेश गुप्ता, कुष्ठ पर्यवेक्षक सुशील कुमार, अवनीश द्विवेदी, फिजियो थेरेपिस्ट अनुपमा सिंह, योगेश कुमार आदि मौजूद रहे।

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