New Ad

मछुआ समाज के प्रशिक्षण हेतु आडियो-वीडियो मैकेनिज़्म डेवलप करें अधिकारीः डॉ. संजय निषाद

0

बहराइच । जनपद के दो दिवसीय भ्रमण पर आए प्रदेश के मत्स्य मंत्री डॉ. संजय कुमार निषाद ने राज्य मुख्यालय तथा मण्डल मुख्यालय के विभागीय अधिकारियों के साथ एनआईसी के वीडियो कांफ्रेंसिंग कक्ष से वर्चुअल बैठक करते हुए सुझाव दिया कि मत्स्य क्षेत्र के विकास हेतु अधिकाधिक मछुआ समुदाय को विभागीय योजनाओं से आच्छादित करने के उद्देश्य से समितियों में परिश्रमी व योग्य लोगों को जोड़ा जाय।
मा. मंत्री डॉ. निषाद ने विभागीय विशेषज्ञों एवं अधिकारियों को निर्देश दिया कि मछुआ समुदाय, मत्स्य पालकों तथा विभाग से जुड़े कृषकों के प्रशिक्षण हेतु प्रभावी मैकेनिज़्म डेवलप किया जाय। डॉ. निषाद ने निर्देश दिया कि प्रशिक्षण हेतु आसान भाषा में आडियो-वीडियो के गैजेट्स तैयार कर मास्टर ट्रेनर्स तैयार किये जाए। ताकि मास्टर ट्रेनर्स जिलों में जाकर लोगों को प्रशिक्षित कर सकें। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण के लिए तैयार किए जाने वाले गैजेट्स में नवीन तकनीकों, विभागीय योजनाओं तथा उनकी पात्रता इत्यादि का भी उल्लेख किया जाए।
डॉ. निषाद ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया कि मछुओं व मत्स्य पालकों की आय को दोगुना करने, रोज़गार के अधिक से अधिक अवसर प्रदान करने तथा कृषि के सकल मूल्यवर्धित एवं निर्यात में मात्स्यिकी गतिविधियों की हिस्सेदारी को बढ़ाने, मछुआ व मत्स्य पालकों को सामाजिक, आर्थिक व जोखिम से सुरक्षा प्रदान करने तथा मज़बूत मत्स्य प्रबंधन और नियामक ढांचा तैयार करने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना को प्रभावी ढंग से संचालित किया जाए। इसके साथ ही निजी भूमि पर तालाब निर्माण, रियरिंग फिश सीड यूनिट, ताज़े जल क्षेत्र में बायोफ्लाक तालाब निर्माण, वृहद रिसर्कुलेटरी एक्वा कल्चर सिस्टम, मत्स्य बीज हेचरी निर्माण, लघु मत्स्य आधार मिल, मोटर साइकिल विद आईसबाक्स, थ्री व्हीलर व आटो रिक्शा विद आईसबाक्स इत्यादि योजनाओं हेतु पात्र एवं योग्य लोगों का चयन कर उन्हें समबद्धता के साथ लाभ पहुॅचाएं।
डॉ. निषाद ने समितियों के बाइलाज को अपडेट कराने का भी निर्देश दिया। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया कि तालाब आवंटन से सम्बन्धित विवरण उपलब्ध करा दिए जाए ताकि राजस्व विभाग के माध्यम से उनका समाधान कराया जा सके। मा. मंत्री ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया कि सभी पात्र कृषकों को किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा दिलाई जाय। अनिस्तारित जलाशयों से सम्बन्धित प्रकरणों को शीघ्र ही नई नीति के अनुसार निस्तारित किया जायेगा। बैठक में सहायक निदेशक मत्स्य डॉ. जितेन्द्र मौजूद रहे।

Leave A Reply

Your email address will not be published.