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अधिकारियों ने कर्मचारियों के साथ साठगांठ करके लगा दी गलत रिपोर्ट, 

म्रतक व्यक्ति का मस्टररोल बनाकर हाजिरी चढ़ाई गई और बाकायदा म्रतक के नाम से धनराशि भेजी गई,

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जिलाधिकारी को पुनः पत्र देकर आलाधिकारी और कर्मचारियों की सेवा समाप्त करने की मांग की
सीडीओ ने तीन दिवस के अंदर जांच रिपोर्ट प्रेषित करने के लिए डीसी मनरेगा को किया था आदेशित
लेकिन दो माह बीत गए लेकिन साहब के तीन दिन नही हुए आखिर क्या है कारण
उरई (जालौन) ब्लॉक कोंच क्षेत्र के ग्राम पिरौना में मनरेगा कार्यो में फर्जीबाड़ा किया गया जिसमें प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत 90 दिनों की आवाज़ की मजदूरी दी जाती हैं लेकिन ग्राम पिरौना में आवास तो दिए गए लेकिन मजदूरी नही दी गई वही कुछ अपने चहेतों को 28 दिन किसी को 56 दिन और अगर ज्यादा खास है तो उसे ही 90 दिनों की मजदूरी दी जाती हैं जब यह जानकारी पिरौना निवासी हरिश्चंद्र पांचाल को हुई तो पांचाल ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर कार्यवाही की मांग की वही दूसरी ओर जॉब कार्ड धारकों को कुछ पता ही नही की क्या हो रहा है वही जिलाधिकारी चांदनी सिंह ने जांच कराने के निर्देश दिए जिसमे डीसी मनरेगा (उपायुक्त श्रम रोजगार) द्वारा जांच की गई जिसमें डीसी मनरेगा ने शिकायत कर्ता से कोई सम्पर्क नही किया और कर्मचारियों से साठगांठ करके गलत रिपोर्ट लगा दी इसके बाद मुख्य विकास अधिकारी को पत्र लिखकर जांच आख्या मांगी तो 25 जुलाई को मेरे पास सीडीओ का पत्र आया जिसमे लिखा था कि तीन दिवस के डीसी मनरेगा जांच आख्या प्रेषित करे तब से आज तक कोई आख्या नही दी जिसमे हरिश्चंद्र पांचाल ने बताया कि पिछले कई वर्षों पहले जो व्यक्ति की मृत्यु हो गई थी उसका मांगपत्र कैसे भरा गया और बाकायदा मस्टररोल बनाकर मजदूरी कराई गई जबकि हरिश्चंद्र पांचाल ने बताया कि मैं बूथ अध्यक्ष के साथ ग्राम पंचायत सदस्य भी हु जिसमे हरिश्चंद्र पांचाल ने पुनः जिलाधिकारी को पत्र लिखकर जांच कर रहे अधिकारी और ग्राम पंचायत अधिकारी और ग्राम रोजगार सहायक की सेवा समाप्त करने की मांग की।
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