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ओम प्रकाश राजभर ने मंगलवार सुबह भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह से मुलाकात की

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लखनऊ : सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष व पूर्व मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने मंगलवार सुबह भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह से मुलाकात की। उनके साथ भाजपा प्रदेश के उपाध्यक्ष दया शंकर सिंह भी मौजूद थे। चर्चा है कि इससे दो दिन पहले राजभर ने दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह से भी मुलाकात की थी। इसके बाद उनकी मुलाकात स्वतंत्र देव से हुई है। हालांकि, ओम प्रकाश राजभर इस मुलाकात को शिष्टाचार भेंट बता रहे हैं लेकिन माना जा रहा है कि स्वतंत्र देव से हुई मुलाकात के पीछे ओम प्रकाश का सियासी एजेंडा है। सूत्रों की मानें तो भाजपा द्वारा पिछड़ों व अति पिछड़ों को अपने पाले में खींचने की रणनीति के तहत ओम प्रकाश राजभर को फिर से अपने पाले में लाने की कोशिशें शुरू हो गई हैं। करीब एक घंटे तक चली मुलाकात से यूपी की राजनीति में हलचल मच गई है। दरअसल, ओम प्रकाश राजभर प्रदेश में ओवैसी की पार्टी के साथ मिलकर भागीदारी संकल्प मोर्चा बनाकर काम कर रहे हैं। राजभर भाजपा की राज्य व केंद्र सरकार पर जमकर बयानबाजी करते रहे हैं लेकिन भाजपा प्रदेश अध्यक्ष से मुलाकात के बाद फिर से कयास लगने शुरू हो गए हैं।

बीते दिनों उन्होंने कहा था कि भागीदारी संकल्प मोर्चा आगामी विधानसभा चुनाव में सभी 403 सीटों पर चुनाव लड़ेगा। उन्होंने प्रदेश में सरकार बनाने का दावा भी किया था। मुख्यमंत्री पद के लिए मोर्चा की ओर से चेहरा कौन होगा? इस सवाल पर राजभर ने कहा था कि मोर्चा एक चुनाव, पांच साल सरकार, पांच मुख्यमंत्री के फार्मूले पर चलेगा। मोर्चा पांच साल में पांच जाति (मुस्लिम, राजभर, कुशवाहा, चौहान व पटेल) मुख्यमंत्री बनाएगा। इसके अलावा हर साल चार उप मुख्यमंत्री भी बनाए जाएंगे। राजभर ने बुधवार को यहां कहा कि अगर सरकार बनती है तो मोर्चा में शामिल सभी दलों को सीएम व डिप्टी सीएम बनाने का मौका मिलेगा। आंध्र प्रदेश में चार उप मुख्यमंत्री हैं। यूपी में भाजपा और बसपा ने जिस तरह छह-छह महीने का मुख्यमंत्री बनाने की परंपरा शुरू की थी उसी तर्ज पर हमने भी नया प्रयोग करने का फैसला किया है।

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