लखनऊ : मस्जिद वलीउल अस्र, मुफ्तीगंज में मनाजिर हुसैन मरहूम इब्ने सैय्यद बरीक़ हसन मरहूम और उम्मे फ़रवा मरहूमा बिन्ते सैय्यद जर्रार हुसैन मरहूम की मजलिस ए तरहीम का आयोजन किया गया मजलिस का आगाज़ तिलावते कलाम ए पाक से हुआ जिसके फरायज जनाब मुर्तजा हुसैन रिजवी ने अंजाम दिए।
इस मजलिस को हुज्जतुल इस्लाम आली जनाब मौलाना अक़ील अब्बास मारूफी साहब क़िब्ला ने खिताब किया।
मजलिस में मौलाना ने मां की अजमत और मोहब्बत पर रोशनी डाली और मौत और हयात के उनवान से तकरीर की।
मौलाना ने बताया कि एक औलाद की नज़र में मां की क्या अज़मत होती है। मजलिस के आखिर में मौलाना ने इमामे हुसैन अलैहिस्सलाम और उनकी मां जनाबे फातिमा जहरा सलवातुल्लाह अलैहा के मसाएब पढ़े जिस पर मोमेनीन की आंखें अश्क बार हो गई।