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पायलट और उनके 19 समर्थक विधायकों को स्पीकर ने कारण बताओ नोटिस किया जारी

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लखनऊ : कांग्रेस ने सचिन पायलट को उपमुख्यमंत्री और प्रदेशाध्यक्ष पद से हटाने के साथ ही उनके प्रति दो वाफादार मंत्रियों की बर्खास्तगी के बाद उन्हें अयोग्य घोषित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने सचिन पायलट समेत बागी विधायकों को नोटिस जारी करने के साथ ही राजस्थान में सियासी सरगर्मियां तेज हो गई है। विधानसभा अध्यक्ष ने बुधवार को कांग्रेस की शिकायत के आधार पर पायलट समेत 19 विधायकों को नोटिस भेजा है। उन्हें शुक्रवार तक अपना जवाब दाखिल करना है। उनसे कहा गया कि विधानसभा सचिवालय की ओर से जारी किया गया है। इस नोटिस में 17 जुलाई दोपहर 1 बजे तक विधानसभा भवन में जवाब प्रस्तुत करने को कहा गया है।

वहीं, राजस्थान कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे ने बताया कि कांग्रेस विधायक दल की बैठकों में शामिल नहीं होने के लिए सचिन पायलट और पार्टी के 18 अन्य सदस्यों को नोटिस जारी किया गया। यदि वे 2 दिनों के भीतर जवाब नहीं देते हैं, तो यह माना जाएगा कि वे सीएलपी से अपनी सदस्यता वापस ले रहे हैं।

पांडे ने आगे कहा कि भगवान सचिन पायलट को ज्ञान दें और वह सरकार को गिराने की कोशिश न करें। उन्हें अपनी गलती स्वीकार करनी चाहिए। वार्ता के लिए दरवाजे उनके लिए हमेशा खुले थे और आज भी खुले हैं। लेकिन, अब वह इस सब से आगे निकल गए हैं, इसलिए ये चीजें अब मायने नहीं रखती हैं।

इन विधायकों को जारी हुआ नोटिस

यह नोटिस उन विधायकों को जारी किया गया है। जो कांग्रेस विधायक दल की बैठक में नहीं शामिल हुए हैं। सचिन पायलट, रमेश मीणा, इंद्राज गुर्जर, गजराज खटाना, राकेश पारीक, मुरारी मीणा, पी.अर.मीणा, सुरेश मोदी, भंवर लाल शर्मा, वेदप्रकाश सोलंकी, मुकेश भाकर, रामनिवास गावड़िया को नोटिस भेजा गया है।

इसके अलावा हरीश मीणा, बृजेन्द्र ओला, हेमाराम चौधरी, विश्वेन्द्र सिंह, अमर सिंह, दीपेंद्र सिंह और गजेंद्र शक्तावत को नोटिस भेजने की खबरें है। कांग्रेस विधायक दल की बैठक के लिए मुख्य सचेतक महेश जोशी ने व्हिप जारी किया था। इन विधायकों पर व्हिप का उल्लंघन करने का आरोप है।

गौरतलब है, कि राजस्थान में जारी सियासी संकट के बीच कांग्रेस ने सचिन पायलट पर बड़ी कार्रवाई करते हुए मंगलवार को उन्हें उपमुख्यमंत्री पद और प्रदेशाध्यक्ष पद से बर्खास्त कर दिया। पद से हटाए जाने के बाद पायलट पर आरोप है कि वह भाजपा के साथ मिलकर सरकार गिराना चाहते हैं। उन्होंने कांग्रेस के साथ धोखा किया है। लेकिन उन्होंने इस बात का खंडन किया है।

उन्होंने कहा है कि वह अभी भी कांग्रेस में हैं और फिलहाल भाजपा में नहीं जा रहे हैं। पायलट ने कहा है कि सरकार गिराने की बात करना गलता है, मैं अपनी ही पार्टी के खिलाफ ऐसा क्यों करूंगा।पायलट कहा पार्टी विरोधी गतिविधियों और कांग्रेस विधायकों की दो बैठकों में शामिल नहीं होने पर उन्हें अयोग्य क्यों नहीं ठहराया जाना चाहिए। इस बात को वे स्पष्ट करें।

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