तालाब सुंदरीकरण जैसी सरकार की महत्वपूर्ण योजना खटाई में-
कभी नहीं खुलता मिनी सचिवालय का ताला-
अधिकारियों के निरंकुशता के कारण सचिव व प्रधान काट रहे हैं चांदी-
गंभीरता से हो जांच तो भ्रष्टाचार के और खुलेंगे मामले-
बस्ती – सरकार की महत्वपूर्ण योजना तालाब सुंदरीकरण भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई, जिम्मेदारों के लचर व्यवस्था के कारण सचिव व ग्राम प्रधान ने बगैर कार्य कराए तलाब सुंदरीकरण के नाम पर लाखों रुपए डकार लिए,यह मामला कलवारी मुस्तकहम ग्राम पंचायत का है और इसका खुलासा आरटीआई के माध्यम से मांगे गए सूचना के आधार पर हुआ।
बताते चलें कि कलवारी मुस्तकहम ग्रामपंचायत में स्थित लगभग आधा दर्जन तालाबों के सुंदरीकरण,साफ सफाई एवं मिट्टी पाटने के नाम पर सचिव एवं ग्राम प्रधान ने लगभग 15 लाख रुपए डकार लिए । जिम्मेदार अधिकारियों के निरीक्षण ना करने का फायदा उठाते हुए ग्राम पंचायत में नाली खड़ंजा के नाम पर भी ठगी की गई है,अव्वल दर्जे के ईटों का भुगतान लेकर दोयम दर्जे के ईटों का प्रयोग किया गया, इस मामले को लेकर ग्रामवासी भी आक्रोशित हैं, ग्रामवासियों ने बताया कि यदि गंभीरता से जांच कराई जाए तो भ्रष्टाचार के और भी मामले उजागर होंगे सचिव तथा ग्राम प्रधान ने कूट रचना कर भुगतान लेते समय किसी अन्य तालाब का फोटो लगाकर भुगतान लिया है,जो वास्तविक तालाबों से मेल नहीं खाते है।
यही नहीं ग्रामसभा में स्थित मिनी सचिवालय के गेट का ताला कभी नहीं खुलता और ना ही कोई कर्मचारी उपस्थित रहता है,जबकि पंचायत सहायक की नियुक्ति की गई है,जो ग्राम प्रधान के विशेष दृष्टि के चलते केवल वेतन लेने आते हैं,संबंधित अधिकारियों के निरंकुशता एवं ढुल-मुल रवैया के कारण सचिव व ग्राम प्रधान मलाई काट रहे हैं।
ग्रामसभा में सरकार का रुपया व्यर्थ ही खर्च किया जा रहा है।आखिर इसकी भरपाई किससे की जाएगी। या फिर मिनी सचिवालय की सुविधा जिम्मेदार अधिकारी ग्रामीणों को दिला पाएंगे या नहीं ।