
आजमगढ़ : में तैनात इंस्पेक्टर सभाजीत सिंह की बेटी ने नोकझोंक के बाद अपने 17 वर्षीय भाई अमरेंद्र को पिता की लाइसेंसी पिस्टल से तीन गोली मार दी। घटना मंगलवार शाम की है। घटना के बाद हाईस्कूल में पढ़ने वाली लड़की ने घर में लूट का ड्रामा रचा और पुलिस को सूचना दे दी। तीन गोली लगने के बाद भी जख्मी अमरेंद्र ने पुलिस को सच्चाई बयां नहीं की। उसका स्वरूपरानी अस्पताल में इलाज चल रहा है। वारदात के बाद पहुंची पुलिस व क्राइम ब्रांच ने ढाई घंटे के अंदर ही मामले का खुलासा कर दिया। गहने और लाइसेंसी पिस्टल कमरे के अंदर से बरामद कर लिए गए। पुलिस ने एहतियातन आरोपी बेटी को घर के अंदर ही नजरबंद किया है। आरोपी बेटी ने पुलिस अफसरों से कहा कि वह घटना का कारण अपने पिता को बता चुकी है।
इंस्पेक्टर सभाजीत सिंह आजमगढ़ में कोरोना सेल के प्रभारी हैं। उनका परिवार चकरघुनाथ, नैनी में रहता है। मंगलवार शाम 7 बजे पुलिस को सूचना मिली कि इंस्पेक्टर के 11वीं में पढ़ने वाला बेटे अमरेंद्र को घर में घुसकर बदमाशों ने गोली मार दी। पुलिस को बताया कि घटना के वक्त अमरेंद्र कमरे में था और इंस्पेक्टर की बेटी बाथरूम में थी जबकि पत्नी सुभद्रा देवी छत पर पौधों में पानी डालने गई थीं। इस दौरान घर में घुसे बाइक सवार दो युवकों ने पहले लड़की को बाथरूम में पीटा और फिर दूसरे कमरे में सो रहे अमरेंद्र को तीन गोली मार दी। उसके सीने और पेट में गोली लगी थी। पुलिस ने जख्मी हालत में अमरेंद्र को स्वरूपरानी अस्पताल में भर्ती कराया। पूछताछ पर पीड़ित परिवार ने बताया कि हमलावरों ने कमरे में रखा लाखों कीमत के गहने लूट ले गए हैं।
घर में ही मिल गईं गोलियां और गहने
सूचना पर एसपी यमुनापार चक्रेश मिश्रा और एसपी क्राइम आशुतोष मिश्रा क्राइम ब्रांच टीम के साथ पहुंच गए। फॉरेंसिक टीम ने जांच की तो कमरे के अंदर से ही पिस्टल की तीन गोलियां और तीन खोखे मिल गए। पुलिस ने शक के आधार पर महिला सिपाहियों की मदद से पूछताछ की। घटनाक्रम पर पुलिस को विश्वास नहीं हुआ। थोड़ी देर में क्राइम ब्रांच की मदद से पुलिस ने रसोईघर में छुपा कर रखे गहने बरामद कर लिए।
इसके बाद जब आरोपी बेटी से पूछा गया तो उसने बताया कि भाई से विवाद होने पर उसने पिता के लाइसेंसी पिस्टल से गोली चला दी थी। इंस्पेक्टर की बेटी ने पुलिस से कहा कि पिता के आने के बाद बताएगी कि उसने गोली क्यों मारी है? पुलिस महकमे में चर्चा रही कि इंस्पेक्टर पिता से फोन पर बात करके उनकी बेटी ने लूट का ड्रामा किया था। इस खुलासे में यमुनापार क्राइम ब्रांच प्रभारी वृंदावन राय और सर्विलांस प्रभारी बृजेश सिंह की टीम शामिल थी।