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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अश्विनी वैष्णव को रेल और सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी

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दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार (सात जुलाई) को किए बड़े कैबिनेट विस्तार में अश्विनी वैष्णव को रेल और सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी। बता दें कि अश्विनी उन नेताओं में शुमार हैं, जो पहले आईएएस अधिकारी थे, लेकिन राजनीति में आने की उनकी कहानी थोड़ी-सी अलग है। दरअसल, आईएएस के बाद वह पहले उद्यमी बने। उसके बाद राज्यसभा सांसद और अब कैबिनेट में पहुंच गए हैं। इस रिपोर्ट में हम आपको नए रेल और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री की जिंदगी और उनके सफरनामे से रूबरू करा रहे हैं।

गौरतलब है कि 15 नए कैबिनेट मंत्रियों में छठवें नंबर पर शपथ लेने वाले अश्विनी वैष्णव अब किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। करीब दो साल पहले उन्होंने राज्यसभा सांसद के रूप में संसद में कदम रखा था और अब कैबिनेट में अपनी पैठ कायम कर ली है। भाजपा के सूत्र बताते हैं कि तकनीक में उस्ताद 50 वर्षीय अश्विनी वैष्णव टीम मोदी के ऐसे खिलाड़ी हैं, जिन्हें निजी और सार्वजनिक क्षेत्रों में अपनी दक्षता की वजह से मौका मिला। बताया जाता है कि कोरोना महामारी के दौर में कई नीतियों के निर्धारण में उनकी भी अहम भूमिका रही।

1994 बैच के साथी आईएएस अफसर बताते हैं कि अश्विनी वैष्णव बेहद शानदार अधिकारी थे, जो हमेशा जमीन से जुड़े रहे। उनके साथी और ओडिशा आवास एवं शहरी विकास सचिव जी मथी वथानन बताते हैं कि अश्विनी बेहद सतर्क रहने वाले व्यक्ति हैं। वह हर वक्त जोश में नजर आते हैं और अपने साथियों को भी उत्साहित करते रहते हैं।  गौरतलब है कि करीब दो साल पहले राज्यसभा में अश्विनी वैष्णव की एंट्री बेहद नाटकीय अंदाज में हुई थी, जिससे उनकी अहमियत का पता चलता है। दरअसल, उस दौरान मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने उन्हें बीजू जनता दल का प्रत्याशी घोषित किया, लेकिन बाद में भाजपा ने जून 2019 के दौरान उच्च सदन के उम्मीदवार के रूप में उनका समर्थन कर दिया। बता दें कि उस वक्त राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी अपने एक सदस्य को उच्च सदन भेज सकती थी। ऐसे में बीजद ने राज्यसभा की सीट अश्विनी वैष्णव के नाम कर दी।

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