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 अपनी मांगों को लेकर प्रधान संघ अध्यक्ष ने सौंपा एडीओ पंचायत को ज्ञापन

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रूदौली अयोध्या। अखिल भारतीय प्रधान संगठन उप्र के बैनर तले रूदौली ब्लाक के प्रधान संघ अध्यक्ष बल भद्र यादव के नेतृत्व ने ग्राम प्रधानों ने मुख्यमंत्री उप्र को सम्बोधित पांच सूत्री एक ज्ञापन सहायक खण्ड विकास अधिकारी (पंचायत) रूदौली  गंगा प्रसाद श्रीवास्तव को सौंपा। प्रधान संघ अध्यक्ष द्वारा दिए गए अपने मांग पत्र में लिखा है कि अखिल भारतीय प्रधान संगठन द्वारा रमाबाई अंबेडकर मैदान में 28 अक्टूबर 2021 को 40,000 से अधिक प्रधानों की महारैली के माध्यम से अपनी मांगों को सरकार के समक्ष रखा था जिसमे सहायक सचिव कम डाटा एंट्री ऑपरेटर , शौचालय केयरटेकर एवं प्रधान के मानदेय की व्यवस्था राज्य सरकार द्वारा अलग से करने का वादा किया गया था , जिस पर तत्काल अमल किया जाय । जिले के प्रधानों , क्षेत्र पंचायत सदस्यों एवं जिला पंचायत सदस्यों की सहभागिता में पंचायतों से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए जनपद स्तर पर माह में एक बार उक्त जनपद के जिला अधिकारी व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की अध्यक्षता में पंचायत दिवस मनाये जाने का वादा किया गया था , जिसका तत्काल क्रियान्वयन किया जाय । प्रधानों व सभी त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों के विरुद्ध अभियोग पंजीकरण से पूर्व उपनिदेशक पंचायतीराज से अनुमति के प्राविधान का वादा किया गया था , उसे तत्काल लागू किया जाए तथा बिना शपथ &https://www.youtube.com/channel/UCcj8JxdUrXPVdAxW-blFheA8211; पत्र के जांच न करायी जाए व झूठी शिकायत मिलने पर शिकायतकर्ता के विरुद्ध भी कानूनी कार्रवाई अनिवार्य की जाए ।  जिला योजना समिति में प्रधानों को प्रतिनिधित्व देने का वादा किया गया था , जिसका तत्काल क्रियान्वयन किया जाए । 5- राज्य वित्त एवं केंद्रीय वित्त योजना से हो रहे भुगतान की तरह ही ग्राम प्रधान व सचिव के डिजिटल सिग्नेचर से मनरेगा योजना की मजदूरी व मटेरियल के भुगतान का वादा करते हुए पायलट प्रोजेक्ट के तहत प्रदेश के दो विकास खण्डों मोहनलालगंज &https://www.youtube.com/channel/UCcj8JxdUrXPVdAxW-blFheA8211; लखनऊ एवं अहिरोरी हरदोई में इसे लागू किया गया था तथा प्रदेश के शेष विकास खण्डों में अगले 3 माह में इसे लागू करने का वादा किया गया था , जिस पर तत्काल अमल किया जाए । इसके अतिरिक्त निम्नलिखित मांगों पर भी सहानुभूति पूर्वक विचार करके प्रदेश में इसे लागू किया जाए ।वर्ष 1993 में पारित 73 वें संविधान संशोधन विधेयक के तहत 29 विषय व उनसे जुड़े अधिकार , कोष , कार्य और पंचायत कर्मियों को पंचायतों को सौंपकर सत्ता विकेंद्रीकरण की आदर्श व्यवस्था लागू की जाए ।  राज्य वित्त आयोग व प्रशासनिक सुधार आयोग की समस्त प्रमुख सिफारिशों को उत्तर प्रदेश में लागू किया जाए ।  प्रधानों , क्षेत्र पंचायत सदस्यों एवं जिला पंचायत सदस्यों की सुरक्षा हेतु शस्त्र लाइसेंस जारी करने में प्राथमिकता  पंचायतों में प्रयुक्त होने वाली निर्माण सामग्री ( ईंट , मोरंग , सफेद बालू , गिट्टी , सरिया , सीमेंट आदि ) का मूल्य बाजार दर से बहुत ही कम है । अतः उसे बाजार दर के अनुरूप पुनरीक्षित किया जाय । उपरोक्त निर्माण सामग्री के मूल्य का निर्धारण लोक निर्माण विभाग द्वारा किया जाता है , जबकि उपरोक्त सामग्री का प्रयोग स्वयं लोक निर्माण विभाग द्वारा नहीं किया जाता जिसके कारण लोक निर्माण विभाग द्वारा जानबूझकर बाजार दर से कम मूल्य निर्धारित किया जाता है । अतः मूल्य निर्धारण का कार्य किसी अन्य एजेंसी को दिया जाए ।पंचायत से जुड़े राजस्व कर्मी,आंगनबाड़ी, राशन कोटेदार, विद्यालय के अध्यापक की उपस्थिति कार्य प्रमाणन व निलंबन की संस्तुति सहित अन्य अधिकार दिए जाय
 जिस के क्रम में 15 दिसंबर 2021 को प्रदेश भर के प्रधानों को लखनऊ बुलाकर माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा घोषणा की गई थी जिस पर अभी तक अमल नहीं किया है जिसे लोकहित में तत्काल अमल कर किया जाना आवश्यक है। एडीओ पंचायत गंगा प्रसाद श्रीवास्तव ने बताया कि प्रधान संघ अध्यक्ष का ज्ञापन मिला है उचित माध्यम से मुख्यमंत्री  के कार्यालय को भेजा जाएगा।
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