लखनऊ : हर साल की तरह इस साल भी नौ मोहर्रम को उठने वाला अलम ए शबे आशूर का जुलुस अपनी शानो शौकत के साथ विक्टोरिया स्ट्रीट स्थित नाजिम साहब के इमामबाड़े से बरामद होकर।पुलिस की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सआदतगंज स्थित दरगाह हजरत अब्बास (अ.स) पहुंच कर सम्पन्न हुआ। इस जुलूस के बानी स्वर्गीय कैसर हुसैन रिज़वी एडवोकेट थे। उन्होंने इस जुलूस की बुनियाद रखी थी।
जूलूस बरामद होने से पहले इमामबाड़े में एक मजलिस हुई। जिसको शिया बुद्धजीवी मौलाना सैय्यद कल्बे जवाद नक़वी ने संबोधित किया।मौलाना ने मजलिस को संबोधित करते हुए इमामे हुसैन (अ.स) और उनके साथियों की शहादत को बयान किया।उसके बाद जुलूस विक्टोरिया स्ट्रीट, शिया पी जी कॉलेज,मेफेयर तिराहा,चिड़िया बाज़ार, नक्खास चौराहा, टूरिया गंज से दाहिने तरफ मुड़ कर अशरफाबाद, गिरधारी सिंह इण्टर कालेज, मंसूर नगर तिराहे से बाएं मुड़कर शिया यतीम खाना से दाहिने ओर मुड़कर टापे वाली गली, मैदान एल एच खां,कश्मीरी मोहल्ला होता हुआ
देर रात दरगाह हजरत अब्बास (अ.स) पहुंच कर संपन्न हुआ।जुलूस में हजारों की संख्या में मौजूद अज़ादार मातम कर रहे थे।जूलूस को शान्ति पूर्वक संपन्न कराने के लिए जूलूस के निकलने वाले अति संवेदनशील रास्तों पर बेरेकेटिंग की गई थी। ड्रोन से पूरे जूलूस की निगरानी की जा रही थी। जुलुस में शामिल हज़ारों की संख्या में शामिल पुरुष, महिलाएं,और बच्चे स्याह लिबास में दिखे। सड़क के किनारे दोनों ओर चाय, कॉफी, पानी और शरबत की सबीलें लगी हुई थीं।
फाका शिकनी की नज्र आज
यौमे आशूरा के मौके पर बुधवार को शहर के तमाम इमामबाड़ों, दरगाहों, कर्बलाओं व घरों में फाका शिकनी होगी। मौलाना सैफ अब्बास ने बताया कि कर्बला के शहीदों की नज्र का आयोजन शाम 3.50 बजे होगा। इमाम हुसैन (अ.स.) और उनके साथियों के तीन दिन की भूख-प्यास की याद में अजादार कल सुबह से न कुछ खाये-पियेगा नहीं ,यहां तक की मांये अपने मासूम बच्चों को मासूम हजरत अली असगर (अ.स) को याद करके दूध तक नहीं पिलाती हैं।
मजलिसे शामे गरीबा आज
लखनऊ। इमामबाड़ा गुफरामंआब चौक में शनिवार को एतिहासिक ‘शाम-ए-गरीबा” की मजलिस को मौलाना कल्बे जव्वाद रात 8.30 बजे खिताब करेंगे। मजलिस के बाद अंजुमन शामे गरीबा नौहाख्वानी करेगी।