
सुलतानपुर । नगर भर में सोमवार रात जश्ने गौसुल वरा का कार्यक्रम आयोजित किया गया। हमदे बारी ताआला, नाते मुस्तफा व हुजूर गौस-ए पाक की शान में मनकबत पढ़ी गई। हजरत शेख अब्दुल कादिर जीलानी गौस ए पाक की हयात ये तैय्यबा पर प्रकाश डालते हुए कहा गया कि जमाने भर के लिये उनकी जिंदगी मशअले राह है।
दरियापुर चैराहे पर अंजुमन 786 लंगरे आम की जानिब से स्टेज लगाया गया। जिसमें शहर व शहर के बाहर से अंजुमने शामिल हुई और सभी ने नात ए पाक पढ़ा। लोगो के लिए लंगर की भी व्यवस्था की गई थी। जावेद अहमद ने बताया कि हुजूर गौस पाक रात-रात भर खुदा की इबादत में मसरूफ रहते थे। सभी को चाहिये कि नियाज के दिन जरुरतमंद लोगों को खाना खिलायें। कामरान ज़फर ने बताया कि हजरत गौसे पाक इराक के जीलान में पैदा हुए। लेकिन पूरी दुनिया में उनकी चर्चा हो रही है। अल्लाहतआला फरमाता है कि अगर सिर्फ जीलान के लिए गौस बनाता तो जीलान में ही उनकी चर्चा होती, लेकिन गौसे पाक को सारी दुनिया के लिए गौस बनाकर भेजा। इसलिए पूरी दुनिया में गौस पाक का जिक्र होता है और ता कयामत तक होता रहेगा। उन्होंने कहा कि हुजूर गौसे पाक पैदाइशी वली हैं।
दरियापुर चैराहे पर अंजुमन 786 लंगरे आम की जानिब से स्टेज लगाया गया। जिसमें शहर व शहर के बाहर से अंजुमने शामिल हुई और सभी ने नात ए पाक पढ़ा। लोगो के लिए लंगर की भी व्यवस्था की गई थी। जावेद अहमद ने बताया कि हुजूर गौस पाक रात-रात भर खुदा की इबादत में मसरूफ रहते थे। सभी को चाहिये कि नियाज के दिन जरुरतमंद लोगों को खाना खिलायें। कामरान ज़फर ने बताया कि हजरत गौसे पाक इराक के जीलान में पैदा हुए। लेकिन पूरी दुनिया में उनकी चर्चा हो रही है। अल्लाहतआला फरमाता है कि अगर सिर्फ जीलान के लिए गौस बनाता तो जीलान में ही उनकी चर्चा होती, लेकिन गौसे पाक को सारी दुनिया के लिए गौस बनाकर भेजा। इसलिए पूरी दुनिया में गौस पाक का जिक्र होता है और ता कयामत तक होता रहेगा। उन्होंने कहा कि हुजूर गौसे पाक पैदाइशी वली हैं।