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गर्व है कि मैं सहकारिता मंत्रालय का पहला मंत्री हूं : अमित शाह

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दिल्ली : देश के पहले राष्ट्रीय सहकारिता सम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा कि मुझे गर्व है कि मैं सहकारिता मंत्रालय का पहला मंत्री हूं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुझे इसके लिए मौका दिया। उन्होंने कहा कि मैं सहकारिता मंत्री के नाते देशभर के नेताओं और कार्यकर्ताओं से कहना चाहता हूं कि अब लापरवाही का समय समाप्त हो गया है। प्राथमिकता का समय शुरू हुआ है। इसलिए सब साथ मिलकर सहकारिता को आगे बढ़ाएं। सहकार से समृद्धि हमारा नया मंत्र है।

अमित शाह ने कहा कि भारत में सहकारिता आंदोलन कभी अप्रासंगिक नहीं हो सकता। यहां के विचारों, जनता के स्वभाव में सहकारिता घुल मिल गई है। ये कोई उधार लिया हुआ विचार नहीं है। सहकारिता आंदोलन भारत के ग्रामीण समाज की प्रगति करेगा और एक नई सामाजिक पूंजी की अवधारणा भी खड़ी करेगा।

केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने आगे कहा कि मैं 25 साल तक सहकारिता आंदोलन से जुड़ा रहा हूं। देश पर जब-जब कोई विपदा आई है, सहकारिता आंदोलनों ने देश को बाहर निकाला है। कॉपरेटिव बैंक बिना मुनाफे की चिंता किए लोगों के लिए काम करते हैं। क्योंकि, भारत के संस्कारों में सहकारिता है।  सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि अमूल व लिज्जत सहकारिता के दो आयाम हैं। अमूल से जहां देश के करोड़ों किसान जुड़े हुए हैं तो लिज्जत पापड़ से महिलाओं को रोजगार मिला है। उन्होंने आगे कहा कि सहकारिता मंत्रालय को कॉपरेटिव को मजबूत करने के लिए बनाया है। कॉपरेटिव संस्थाओं को मॉर्डनाइज करना है। स्पर्धा में टिकने वाली सफल कॉपरेटिव बनाना है।

बता दें दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में हो रहे देश के पहले कॉपरेटिव सम्मेलन को सामूहिक निकाय से जुड़े दुनिया भर के करोड़ों लोग ऑनलाइन सुन रहे हैं। इसके अलावा इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में दो हजार लोग मौजूद हैं।  सहकारिता मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि यह पहला इतना बड़ा सम्मेलन है, जिसको सहाकरिता मंत्रालय के प्रभारी मंत्री संबोधित कर रहे हैं। वे सरकार के विजन को देश के सामने रख रहे हैं। सम्मेलन में सहकारिता राज्य मंत्री बीएल वर्मा व इंटरनेशनल कोऑपरेटिव एलायंस के अध्यक्ष एरियल ग्वारको भी प्रतिभाग कर रहे हैं। यह सम्मेलन इफको, भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ, अमूल, सहकार भारती जैसे निकायों द्वारा आयोजित किया जा रहा है। इफको ने अपने एक बयान में कहा कि यह सम्मेलन भारतीय सहकारिता को वैश्विक स्तर पर गति प्रदान करेगा और इसे मजबूत बनाएगा।

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