महाराष्ट्र : में लगातार हो रही बारिश की वजह से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। रायगढ़, रत्नागिरी, पालघर, ठाणे और नागपुर के कुछ हिस्सों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है। बारिश के कारण राज्य में अभी तक 41 लोगों की जान जा चुकी है। रायगढ़ के तलई गांव में लगातार हो रही बारिश से पहाड़ का मलबा गिर गया। इसके नीचे 35 घर दब गए। इस हादसे में 36 लोगों की मौत हो गई। वहीं 70 से ज्यादा लोग लापता हो गए हैं। 15 लोगों को बचाया गया है, जबकि 30 से ज्यादा लोग अब भी मलबे में दबे हुए हैं। से देखते हुए मृतकों का आंकड़ा और बढ़ सकता है। एनडीआरएफ की टीम रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही है। हालांकि, भारी बारिश के कारण राहत कार्य में यहां भारी दिक्कत आ रही है।
जिला कलेक्टर, रायगढ़ कलेक्टर निधि चौधरी ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि जिले में भूस्खलन से कुल 36 लोगों की मौत हुई, इनमें तलाई इलाके में 32 और सखार सुतार वाड़ी में चार की जान चली गई। वहीं सतारा में भी आठ लोगों की मौत हो गई है जबकि 2 लोग अब भी लापता हैं। जिलाधिकारी ने बताया कि 27 लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया है।
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बताया कि रायगढ़ के तलाई गांव में भूस्खलन से करीब 35 लोगों की जान चली गई है। कई जगहों पर राहत एवं बचाव कार्य जारी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने उन लोगों को निकालने और स्थानांतरित करने का आदेश दिया है जो उन क्षेत्रों में रह रहे हैं जहां भूस्खलन की संभावना है। ठाकरे ने कहा कि सड़क और पुल क्षतिग्रस्त होने से एनडीआरएफ और अन्य बचाव दल को चिपलून में बाढ़ प्रभावित इलाकों तक पहुंचने में दिक्कत हो रही है। वहीं, राहत और पुनर्वास मंत्री विजय वडेट्टीवार ने बताया कि पंचगंगा नदी का जलस्तर बढ़ने से कोल्हापुर में चिंता की स्थिति बनी हुई है। उन्होंने बताया कि 40-50 लोगों की हताहत की सूचना है। एनडीआरएफ की 2 टीमें मौजूद वहां मौजूद हैं और एक और आने वाली है।
मौसम विभाग ने अगले तीन दिन के लिए कोंकण, मुंबई और इसके आसपास के जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। वहीं एनडीआरएफ की टीम पानी में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रही है। कोंकण डिवीजन में अभी तक बारिश से जुड़ी घटनाओं में 8 लोगों की मौत हो चुकी है। करीब 700 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला जा चुका है। बारिश की वजह से कोंकण रेल रूट पर कई जगह लैंडस्लाइड हुई है। रत्नागिरी जिले में बारिश के कारण रेल सेवा बंद कर दी गई है अलग-अलग जगहों पर करीब पांच हजार से ज्यादा यात्री फंसे हुए हैं। इन्हें निकालने के लिए एनडीआरएफ की टीमों को लगाया गया है।