नई दिल्ली : देश में कोरोना वायरस का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है। इसी बीच बाबा रामदेव ने कोरोना की कोरोनिल दवा लांच की है। जो अब सवालों से घेरे में है। जिसके बाद बाबा रामदेव सहित पांच लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है। यह एफआईआर राजस्थान की राजधानी जयपुर में दर्ज कराई गई है। यह केस कोरोना वायरस की दवा के तौर पर कोरोनिल को लेकर भ्रामक प्रचार करने के आरोप में दर्ज कराया गया है। कोरोना की दवा के तौर पर कोरोनिल को लेकर भ्रामक प्रचार करने के आरोप में जयपुर में जिन पांच लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है उनमें पतंजलि के बाबा रामदेव, बालकृष्ण, वैज्ञानिक अनुराग वार्ष्णेय, निम्स के अध्यक्ष डॉ. बलबीर सिंह तोमर और निदेशक डॉ. अनुराग तोमर को आरोपी बनाया गया है।
जयपुर के ज्योतिनगर थाने में शुक्रवार को यह एफआईआर दर्ज कराई गई। ज्योतिनगर के थाना प्रभारी सुधीर कुमार उपाध्याय ने बताया कि रामदेव, बालकृष्ण, डॉ. बलबीर सिंह तोमर, डॉ. अनुराग तोमर और पतंजलि के एक वैज्ञानिक अनुराग वार्ष्णेय के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। कोरोनिल के भ्रामक प्रचार के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। एफआईआर दर्ज कराने वाले वकील बलराम जाखड़ ने बताया कि कोरोनिल के भ्रामक प्रचार के मामले में बाबा रामदेव सहित पांच लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कराई है। एफआईआर आईपीसी की धारा 420 सहित विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज की गई है।
बता दें कि पंतजलि आयुर्वेद द्वारा बनाई गई दवा के ‘क्लीनिकल ट्रायल’ करने को लेकर निम्स अस्पताल को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है। जयपुर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ नरोत्तम शर्मा ने बताया कि हमने बुधवार को अस्पताल को नोटिस जारी कर तीन दिन में स्पष्टीकरण देने को कहा है। अस्पताल ने कथित ‘क्लीनिक्ल ट्रायल’ के बारे में राज्य सरकार को कोई सूचना नहीं दी और ना ही इस बारे में सरकार से कोई अनुमति ली गई। उन्होंने बताया कि अस्पताल के जवाब की प्रतीक्षा की जा रही है। राज्य सरकार ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि आयुष मंत्रालय की बिना स्वीकृति के किसी दवा का उपयोग नहीं किया जा सकता है। वहीं आयुष मंत्रालय ने इसके परीक्षण पर सभी जानकारी मांगी है और पतंजलि की कोरोनिल दवा के विज्ञापन पर रोक लगा दिया है