राज्यसभा उम्मीदवार रणदीप सुरजेवाला की जुबान फिसल गई। द्रौपदी के चीरहरण की जगह वे सीता मैया के चीरहरण का जिक्र कर गए। उदयपुर में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने द्रौपदी के चीरहरण की जगह वे सीता मैया के चीरहरण की चर्चा कर दी। उन्होंने कहा कि जैसे सीता मैया का चीरहरण हुआ, वही लोग अब प्रजातंत्र का चीरहरण करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि हमने किसान आंदोलन का समर्थन राजनीतिक रोटियां सेकने के लिए नहीं किया था। सुरजेवाला ने केंद्र सरकार के कृषि और किसानों को लेकर हुए निर्णय पर सवाल उठाते हुए कहा कि मोदी सरकार किसानों के साथ विश्वासघात कर रही है।
कृषि लागत व मूल्य आयोग की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि मोदी सरकार में किसानों की आमदनी तो दोगुनी नहीं हुई, लेकिन दर्द सौ गुना कर दिया गया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने 2022-23 के खरीफ फसलों के समर्थन मूल्यों को घोषित किया है। एक तरफ सरकार समर्थन मूल्यों पर फसलों की खरीद नहीं कर रही है, वहीं दूसरी तरफ महंगाई बढ़ रही है। सरकार एमएसपी खत्म करना चाहती है। उन्होंने कहा कि किसानों की आय कम हुई है। किसान की आय वर्तमान में प्रतिदिन 27 रुपये है। खेती पर केंद्र सरकार प्रतिवर्ष बजट कम कर रही है।