रतन टाटा जी के महत्वपूर्ण योगदान जिनको कभी भुलाया नहीं जा सकता हैं

सिर्फ 20 दिनों के भीतर टाटा की तरफ से एक नया ट्रस्ट बनाया गया जिसका मकसद कर्मचारियों को राहत पहुंचाना था। रतन टाटा ने आतंकी हमले के पीड़ितों के 46 बच्चों की पढ़ाई-लिखाई की पूरी जिम्मेदारी ली। मारे गए हर कर्मचारी के परिवार को 36 लाख से लेकर 85 लाख रुपये तक का मुआवजा सुनिश्चित किया।