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धार्मिक कट्टरता समाज के लिए घातक: राजनाथ

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समाजसेवी फैसल खान की गिरफ्तारी के विरोध में उतरे गांधीवादी

बाराबंकी :  मथुरा के नंद बाबा मंदिर में नमाज पढ़ने वाले खुदाई खिदमतगार संगठन के संयोजक फैसल खान सहित तीन अन्य लोगों को यूपी पुलिस द्वारा गिरफ्तार करना असंवैधानिक है। जिसकी गांधी जयन्ती समारोह ट्रस्ट निन्दा करता है। फैसल खान की गिरफ्तारी भारतीय समाज की बदलती सोच का हिस्सा है। जो सांझी संस्कृति और विरासत का प्रतीक है। जिन्हें कैद करके विचारों को खत्म नहीं किया जा सकता। ऐसे में सरकार फैसल खान को तत्काल रिहा करे। यह बात गांधी जयन्ती समारोह ट्रस्ट के अध्यक्ष एवं गांधीवादी चिन्तक राजनाथ शर्मा ने प्रेस वक्तव्य में कही।

शर्मा ने कहा कि खुदाई खिदमतगार यानी ईश्वर की बनायी हुई दुनिया के सेवक यह वही सेवक हैं जिन्हें मथुरा की पुलिस ने इसलिए कस्टडी में ले रखा है क्योंकि उन्होंने मंदिर में नमाज पढ़कर हिन्दू धार्मिक आस्था को आहत पहुंचाया है। फैसल खान एक धर्म के कट्टरपन से जूझ रहे हैं। हमारे बुजुर्ग इसी कट्टरपन में अपनी शहादत दे चुके हैं। एक गाँधी और दूसरे गणेश शंकर विद्यार्थी। हम उनकी नस्ल हैं, मिट जाएँगे मगर प्रेम मार्ग नही छोड़ेंगे।  शर्मा ने कहा कि फैसल खान का जुर्म सिर्फ इतना है कि उन्होंने साम्प्रदायिक सौहार्द और इंसानियत को बचाने की खातिर मथुरा में 84 कोसी यात्रा की। यह वही मथुरा है जहां के योगीराज श्रीकृष्ण के व्यक्तित्व और कृतित्व को आत्मसात करते हुए रहीम और रसखान ने रचनावली तैयार की।

आज वहीं मथुरा धार्मिक कट्टरपन का शिकार हो रहा है। फैसल खान उस संगठन से है जो महात्मा गांधी के अनुयायी थे। जिन्हें सीमांत गांधी के नाम से जाना जाता है। हिन्दू मुस्लिम एकता पर काम करने वाले फैसल खान को गिरफ्तार करना इंसानियत को शर्मसार करना है।  शर्मा ने बताया कि सरकार को यदि ऐसा ही करना है तो रहीम, रसखान, जायसी, शकील बदायुनी, नौशाद साहब, मोहम्मद रफी पर भी मुकदमा चलना चाहिए जिन्होंने अपनी कलम और आवाज से योगीराज श्रीकृष्ण को जन-जन से जोड़ने का काम किया।

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