नई दिल्ली: जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) ने अपनी पार्टी के नेताओं के बढ़ते दबाव के बाद आखिरकार सोमवार को बड़ा फैसला ले लिया. उन्होंने कनाडा के PM पद से इस्तीफा दे दिया है. भारत विरोधी बयानों और अघोषित एंटी इंडिया कैंपेन को लेकर ट्रूडो अपने घर और अपनी पार्टी में ही घिरते जा रहे थे. कनाडा की सत्ताधारी लिबरल पार्टी (Liberal Party) के कई नेता सार्वजनिक तौर पर खुलकर उनके खिलाफ बयान दे रहे थे.
उनकी नीतियों को लेकर आवाज उठाई जा रही थी. ट्रूडो पर आरोप है कि वो खालिस्तान मुद्दे को लेकर भारत के खिलाफ आरोप लगाकर अपनी सरकार की नाकामी छिपाने की कोशिश कर रहे हैं. हाल के समय में कनाडा की गिरती इकोनॉमी, अमेरिका के प्रेसिडेंट इलेक्ट डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ धमकियों, बढ़ती महंगाई और हाउसिंग क्राइसिस को लेकर जस्टिन ट्रूडो को आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा था. वहीं, भारत विरोधी कैंपेन को लेकर भी ट्रूडो की रेटिंग गिरती जा रही थी. आइए जानते हैं भारत के खिलाफ बुने गए अपने ही जाल में कैसे फंस गए जस्टिन ट्रूडो, जिससे उन्हें PM की कुर्सी गंवानी पड़ी
देश के नाम संबोधन में ट्रूडो ने क्या कहा?
-जस्टिन ट्रूडो ने कहा, कनाडा अगले इलेक्शन के लिए एक बेहतर ऑप्शन का हकदार है. मैं वो ऑप्शन नहीं हूं. अगर मुझे अपने घर में ही लड़ाई लड़नी पड़े, तो मैं समझता हूं कि 2025 के इलेक्शन के लिए मैं अच्छा ऑप्शन बिल्कुल नहीं हूं. लेकिन फाइटर हूं और मेरी लड़ाई जारी रहेगी.