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 कथा के रसपान से मानव जीवन में संस्कारों का होता है उदय

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फतेहपुर84,उन्नाव : भक्तों के पापों का हरण कर लेने वाला ही ईश्वर है श्रीमद् भागवत कथा सुनने का लाभ तभी है जब हम इसे अपने जीवन में उतारें और उसी के अनुरूप व्यवहार करें, यह विचार क्षेत्र के ग्राम खानपुर कुरौली के परमेश्वर पुरम में स्थित मां काली नौ देवी धाम में चल रहे नौ दिवसीय कार्यक्रम के 37वां वार्षिक उत्सव में श्रीमद्भागवत कथा के आठवें दिन कन्नौज के आनन्देश्वर धाम से आये कथा वाचक भागवत भूषण पं०कौशल जी महाराज ने श्रोताओं को कथा का रसपान कराते हुए प्रकट किया, कथावाचक ने कहा कि कथा सुनने से मानव जीवन में संस्कारों का उदय होता है।

 

जीवन में कितनी भी विकट परिस्थितियां क्यों न आ जाए मुनष्य को कभी अपना धर्म व संस्कार नहीं छोड़ना चाहिए, ऐसे ही मनुष्य जीवन के रहस्य को समझ सकते हैं।उन्होनें कहा कि जिसकी भगवान के चरणों में प्रगाढ़ प्रीति है वही जीवन धन्य है ईश्वर ने विभिन्न लीलाओं के माध्यम से जो आदर्श प्रस्तुत किया उसे हर व्यक्ति को ग्रहण करना चाहिए।ऐसा करने से जीवन मूल्यों के बारे में जानकारी मिलने के साथ-साथ अपने कर्तव्य को भी समझा जा सकता है वहीं आठवें दिन मंगलवार को कलाकारों द्वारा हनुमान जी की सुन्दर सुन्दर झांकियां भी प्रस्तुत की गयी श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन ग्रामवासियों एवं क्षेत्रवासियों के साथ कार्यक्रम के व्यवस्थापक गोविन्द कुमार पाण्डेय निवर्तमान प्रधान रहे।

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