यूपी : कैसरबाग बस अड्डे से 9 अगस्त की सुबह सात बजे समर सिंह सवारी लेकर बहराइच के लिए निकले। उन्हें बाराबंकी बस अड्डे पर रूकना था। पर, वे बस लेकर हाइवे से गुजर गए। जहां यात्री बस के इंतजार में बाराबंकी बस अड्डे पर खड़े रहे छह अगस्त को अलोक त्रिपाठी बस लेकर सहारनपुर जा रहे थे। उस वक्त बस में 13 सवारी बैठी थी। बस देवबंद बाईपास के बजाए प्लाईओवर से लेकर चले गए। तय समय पर बस बाईपास नहीं पहुंची तो यात्रियों ने इसकी शिकायत हेल्पलाइन पर की मामला तीन-कैसरबाग से 13 अगस्त को मो. गुफरान बस लेकर मुजफ्फरनगर जा रहे थे। बस को मुजफ्फरनगर बाईपास से दिल्ली लेकर चले गए। यहां भी यात्री मुजफ्फरनगर बस अड्डे पर बस के इंतजार में बैठे रहे
ये बस ड्राइवर और कंडक्टरों की मनमानी के चंद उदाहरण है। यात्रियों के गलत रूट से बस ले जाने की कई शिकायतें हुई थी। व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम (वीटीएस) से बस की लोकेशन जांच हुई।जिसमें तय रूट के बजाए दूसरे रूट पर बसें चलती पाई गई। बस कंडक्टरों से जवाब तलब किया गया। जिसमें किसी ने रास्ता बंद होने या ट्रैफिक जाम की वजह गिनाई। ऐसे कर्मियों को कैसरबाग डिपो के एआरएम गौरव वर्मा ने 13 अक्तूबर को जुर्माना लगाते हुए चेतावनी देकर छोड़ दिया।
18 ड्राइवरों को चेतावनी देकर लगाया जुर्माना
कैसरबाग डिपो के 18 कंडक्टर बस संचालन में दोषी पाए गए। किसी पर 1000 हजार रुपये जुर्माना तो किसी को चेतावनी देकर छोड़ दिया गया। इनमें अजय तिवारी, देवकुमार मिश्रा, सुनील, संदीप सिंह, अरविंद सिंह, राकेश सिंह, नरेंद्र बहादुर, आलोक त्रिपाठी, अंशुमान सिंह, समर सिंह, मो. गुफरान, वीरेंद्र सिंह, संदीप, नेपाल सिंह, अशोक कुमार, सरोज कुमार गौतम, पतिराम चौहान, व संजू शामिल थे।