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सदर विधायक ने क्षेत्र में विकास को लेकर सरकार को घेरा

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निगरानी सीमित बैठक मे सुरेश ने विकास को लेकर अधिकारियों पर लगाया आरोप

बाराबंकी :  डीआरडीए सभागार मे जिला विकास समन्वय व निगरानी सीमित (दिशा) बैठक सांसद उपेन्द्र सिंह रावत की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में सदर विधायक धर्मराज सिंह उर्फ सुरेश यादव ने सदर विधानसभा में जर्जर सड़को, बिजली, पानी महिला अस्पताल में हो रही धाधली को लेकर खूब गरजे। बैठक में सुरेश यादव ने जिले के प्रशासनिक अधिकारियों पर अनियमितता से कार्य करने का आरोप लगाते हुए कहा कि देश व प्रदेश की सरकार प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना का प्रचार प्रसार तो बहुत तेजी से कर रही है। उन्होंने कहा की इसकी जमीनी हकीकत यह है कि वित्तीय वर्ष 2019-20 व 20-21 में एक भी सड़क का निर्माण का सदर विधानसभा के किसी भी क्षेत्र में नहीं किया गया है। विधायक धर्मराज ने जनपद में खस्ताहाल हो चुकी स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर कहा कि जिला महिला अस्पताल में गरीबों की सुनने वाला कोई नहीं है गरीबों का इलाज न कर जिला महिला अस्पताल में मरीजों को किसी न किसी बहाने से भर्ती नहीं किया जा जाता है जिससे एक गरीब व्यक्ति मजबूर होकर निजी अस्पतालों में अपनी समस्त जमापूंजी खर्च कर इलाज कराने पर विवश होता है

विधायक ने मार्मिकता पूर्वक बदहाल हो चुकी जिला अस्पताल की चिकित्सा व्यवस्था पर दुख ब्यक्त करते हुए कहा कि जिले के लोगो को बेहतर और आधुनिक चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध कराई जा सके जिसके लिए पूर्व की समाजवादी सरकार में जिले में ट्रामा सेन्टर व 100 बेड का अस्पताल बनवाने का कार्य किया गया था लेकिन सरकार और जिले के प्रशासनिक अधिकारियों के बदले भावना से कार्य प्रणाली के चलते जिले का ना तो ट्रामा सेंटर शुरू करवाने का कार्य किया गया है और ना ही जिला अस्पताल में 73 से बढ़ाकर बेडो की संख्या 100 करने का कार्य किया गया है

विधायक धर्मराज ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री और सूबे के मुख्यमंत्री  सड़कों पर झाड़ू लेकर स्वच्छ भारत अभियान का प्रचार तो खूब करते है लेकिन इसकी जमीनी हकीकत यह है कि आज भी जनपद बाराबंकी का ग्रामीण छेत्र तो दूर शहरी छेत्र भी कूड़े के ढेरों से पटा पड़ा है जगह जगह कूड़े के ढेरों का अम्बर लगा पड़ा है लेकिन इसकी सफाई की सुध न तो जिला प्रशासन ले रहा है और ना ही नगरपालिका प्रशासन कोई सुध ले रहा है। किसानों को धान खरीद के लिए बने विक्रय केंद्रों पर ताले लटक रहे है जिससे किसान बिचैलियों को औने पौने दामों पर धन बेचने पर विवश है।

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