लखनऊ : सीएम योगी आदित्यनाथ की कर्मभूमि तथा पूर्वोत्तर रेलवे का मुख्यालय गोरखपुर एक बार फिर विवादों में हैं। विवाद यहां पूर्वोत्तर रेलवे के अस्पताल में बने शौचालय में लगी टाइल्स के रंग को लेकर है। शौचालय में लाल तथा हरे रंग की टाइल्स पर समाजवादी पार्टी ने घोर आपत्ति जताने के साथ रंगों को बदलने की मांग भी की है। इसके बाद रेलवे ने इस ट्वीट पर अपनी सफाई भी दी है। ललित नारायण मिश्र रेलवे अस्पताल के शौचालय में सपा के रंग के झंडे जैसा डिजाइन बनाने पर सपाई भड़क गए हैं। इस फोटो को सपा ने अपने ट्विटर हैंडल पर पोस्ट किया है। गोरखपुर के रेलवे अस्पताल के शौचालयों की दीवारों का रंग समाजवादी पार्टी के झंडे जैसा होने पर पार्टी से कड़ा एतराज जताया है
समाजवादी पार्टी की ओर से इस इन टाइल्स को लगवाने का उद्देश्य बेहतर साफ-सफाई सुनिश्चित कराना है, इसका किसी राजनीतिक दल से कोई संबंध नहीं है। रेलवे का कहना है कि यह शौचालय वर्षों पहले बना है। इस रंग का उद्देश्य बेहतर साफ सफाई रखना है। घोर आपत्ति जताते हुए तुरंत इसे ठीक करने की अपील की गई है। इन टाइल्स को लगवाने का उद्देश्य बेहतर साफ-सफाई सुनिश्चित कराना है, इसका किसी राजनीतिक दल से कोई संबंध नहीं है। रेलवे का कहना है कि यह शौचालय वर्षों पहले बना है। इस रंग का उद्देश्य बेहतर साफ सफाई रखना है
सपा ने फोटो के साथ ट्वीट करते हुए इसे सरकार की दूषित मानसिकता कहा है। इस मामले में सपाई रेलवे जीएम को ज्ञापन भी देंगे गोरखपुर में रेलवे के अफसरों से बातचीत करेंगे। तस्वीरों को ट्वीट किया गया है, जिसमें देखा जा सकता है कि शौचालयों पर लाल और हरे रंग की टाइल्स लगाई गई हैं। जिसके बाद समाजवादी पार्टी की ओर से अब भाजपा पर हमला किया जा रहा है। इस पर पार्टी की ओर से संज्ञान लेकर कार्रवाई की मांग करने के साथ ही तत्काल रंग बदलने की मांग की गई है
समाजवादी पार्टी ने गुरुवार को ट्वीट कर इस बारे में आपत्ति जताई। ट्वीट में लिखा गया है कि दूषित सोच रखने वाले सत्ताधीशों का राजनीतिक द्वेष के चलते गोरखपुर रेलवे अस्पताल में शौचालय की दीवारों को सपा के रंग में रंगना लोकतंत्र को कलंकित करने वाली शर्मनाक घटना है। पूर्वोत्तर रेलवे के चीफ पीआरओ का कहना है कि सभी शौचालय में काफी पहले टाइल्स लगे थे। स्वच्छ भारत अभियान के तहत इनको लगवाया गया था। इन टाइल्स को लगवाने का उद्देश्य बेहतर साफ-सफाई सुनिश्चित कराना है, इसका किसी राजनीतिक दल से कोई संबंध नहीं है। रेलवे का कहना है कि यह शौचालय वर्षों पहले बना है। इस रंग का उद्देश्य बेहतर साफ सफाई रखना है।