प्रयागराज : सैम हिग्गिनबाॅटम कृषि प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान विश्वविद्यालय में चल रहे ग्रामीण कृषि मौसम सेवान्तर्गत भारत सरकार से मंगलवार को प्राप्त पूर्वानुमान के अनुसार वैज्ञानिकों ने कृषकों को सलाह दी है कि गंेहूँ की फसल में अनावृत कण्डुवे की रोगी बाली जो जल्दी निकल आती है। जो खेत में दिखायी देती है उसे निकाल कर जला दें। बरसीम के बीज उत्पादन हेतु बरसीम को केवल 2 से 3 बार कटाई करना चाहिए। बीज लेनेे के लिए चारे की अन्तिम कटाई का उपयुक्त समय फरवरी का अन्तिम सप्ताह या मार्च का प्रथम सप्ताह है। अन्तिम कटाई के बाद 10 से 15 दिन तक फसल की सिंचाई रोक दें। अधिक बार कटाई करने से बीज की पैदावार कम ही नहीं होती है बल्कि जो बीज पैदा होता है उसमें जमने वाले बीजों की संख्या भी कम हो जाती हैं।
गन्ने की फसल की दो कतारों के बीच उर्द या मूंग की दो कतारें अथवा भिण्डी या लोबिया की एक कतार की बुवाई की जा सकती है। पशुओं को अफरा रोग से बचाव हेतु फूली हुई बरसीम न खिलायें। मुर्गियों को संतुलित आहार देते रहें। यदि टीकाकरण की आवश्यकता हो तो पशु चिकित्सक से परामर्श करें व टीका लगवायें। भेड़ व बकरी के पेट को कीड़े रहित करने हेतु कृमिनाशक दवा पिलायें। पशुशालाओं की सफाई रखें तथा पशुओं को स्वच्छ पानी पीने को दें। गर्मी में हरे चारे के लिए मक्का चरी और लोबिया की बुवाई इस पखवाड़े करें।