
बाराबंकी (सिटीजन वॉयस संवाददाता) : मुसलमानों के पैगम्बर मोहम्मद साहब के खिलाफ अपत्तिजनक किताब लिखने वाले शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिज़वी के खिलाफ कर्बला सिविल लाइन में विरोध प्रदर्शन किया गया। जिसकी अगुवाई इमामे-जुमा मोहम्मद रज़ा ज़ैदपुरी ने की है। बताते चले कि वसीम रुश्दी ने पूर्व में भी कई बार इस्लाम विरोधी भाषा बोल चुका था जिसके बाद मुसलमानों के आक्रोश व्याप्त हो गया। कुछ दिन पहले वसीम रुश्दी का एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमे उसने पैग़म्बरे इस्लाम के खिलाफ गलत बाते कही गई। जिस पर मुसलमानों ने जमकर इसका विरोध किया और जिदके खिलाफ मुकदमा दर्जकर जेल भेजने की माँग करने लगे। कर्बला में वसीम रुश्दी का पुतला फूंका गया। इस अवसर पर मौलाना सैय्यद रज़ा हैदर ज़ैदी ने शिया समुदायों को संबोधित करते हुवे कहा कि वसीम रुश्दी ने जो बेजा हरकत की है वो माफी के लायक नही है, उसने हमारे और आपके आखिरी पैगम्बरे इस्लाम मोहम्मद साहब के बारे में जो किताब लिखी है।
उसकी जितनी भी निंदा की जाये कम है। मौलाना मोहम्मद मियां आब्दी ने कहा कि वसीम इस्लाम से खारिज हो चुका हस अब उसका इस्लाम से कोई वास्ता नही रहा। उन्होंने आगे कहा कि अब भी अगर हम लोग चुप रहे तो फिर कोई वसीम पैदा हो जायेगा। श्री आब्दी ने कहा कि हम लोग वसीम का सामाजिक बाइकाट करते है क्योंकि वो मुर्दात घोषित हो चुका है। वरिष्ठ अधिवक्ता रणधीर सुमन ने भी संबोधित किया उन्होंने कहा कि हर धर्म मे राक्षस पैदा होता है उसमें से एक वसीम भी है जिसने मोहम्मद साहब के बारे में जिस तरह का आपत्तिजनक भाषा प्रयोग किया है हम उसकी जितनी निंदा करे कम है। सुमन ने प्रशासन से माग की है कि वसीम के खिलाफ मुकदमा दर्जकर कार्यवाही करें। जिसके बाद शिया समुदायों ने कोतवाली पहुँचकर वसीम के खिलाफ मुकदमा दर्जकरने के लिये तहरीर दी है।
मौलाना मोहम्मद रज़ा ज़ैदपुरी ने पुलिस को बताया कि वसीम रिज़वी ने कुरान और पैग़म्बरे इस्लाम के बारे में आपत्तिजनक बाते कही है जिसके विरोध में शिया मुसलमान के साथ हिन्दू भी वसीम के खिलाफ है। फिलहाल पुलिस ने तहरीर ले ली है अब ये देखना है कि पुलिस वसीम के खिलाफ मुकदमा दर्ज करती है कि नही। इस मौके पर कर्बला सिविल लाइंस मुतवल्ली आफाक हुसैन “असद रिज़वी” नायब मुतवल्ली मंज़र अब्बास, अधिवक्ता हाजी दिलकश रिज़वी, अली ग़दीर रिज़वी, मौलाना हिसाल अब्बास, मौलाना अयाज आलमपुरी, सैय्यद मोहम्मद मुज्तबा “मीसम” पत्रकार सरवर अली रिज़वी, कैफ़ी रिज़वी, वक्फ अमजद अली खां मुतवल्ली अली मियां, सादिक हुसैन सभासद, गुलफाम, शब्बर रिज़वी सहित शिया समुदाय मौजूद रहे।