लखनऊ । लॉक डाउन के दौरान शहर के गली मोहल्लों में लोगों को राहत पहुचाने में आन लाइन डिलीवरी पूरी तरह फेल हो गई है। लोगों को राहत पहुचाने में तंग गलियों में मौजूद दुकानदार ही काम आए। छोटे दुकानदारों ने रात हो या दिन हर पल लोगों की मदद के तैयार रहे। कुछ छोटे दुकानदार जिनकी दुकान रोड पर थी। जरूरत का सामान घर पर ले जाकर वहां से लोगों तक पहुचाया। वही व्यापारियों की माने तो इसलिये ही सभी व्यापारी हमेशा से ऑनलाइन के विरोध मे रहे है। व्यापारियों का कहना है कि आज अगर छोटा व्यापारी अपना व्यापार बन्द कर देता तो हालात काफी खराब हो जाते। सामाजिक उधोग व्यापार मंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामबाबू रस्तोगी ने कहा कि कोरोना जैसी महामारी के समय ऑनलाइन डिलीवरी फ़ेल हो गई है। लोगों की मदद हमारे छोटे और मंझोले व्यापारियों ने की है। उन्होंने कहा कि इस संकट की घड़ी में गली मोहल्लों में दुकान चला रहा छोटा व्यापारी ही लोंगो के काम आया। देश का लगभग सवा सौ करोड़ व्यापारी भी इस बात को समझ गया है कि मुसीबत पर कौन काम आएगा। उन्होंने कहा कि हम लोगों की लगातार कोशिश रहेगी कि ऑनलाइन कारोबार को जितना ज्यादा हो रोक लगायी जाये, जिससे हमारा छोटा व्यापारी जिंदा रह सके। लखनऊ व्यापार मंडल के पूर्व वरिष्ठ महा मंत्री अतुल जैन ने कहा कि ई-कॉमर्स कंपनियों को बढ़ावा देकर सरकार छोटे व्यापारियों को मारने की कोशिश में लगी है। सरकार को यह नही दिख रहा कि इस संकट की घड़ी में छोटा व्यापारी ही अपनी जान सांसत में डालकर लोगों को राहत पहुचाने के काम आया। ऐसे समय मे यह बड़ी कंपनिया कहा सो रही थी। उन्होंने कहा कि पहले वालमार्ट ने छोटे व्यापारियों को खत्म किया, अब जिओ और फेसबुक मिलकर बचे हुए छोटे व्यापारियों को खत्म करने जा रहे है। अतुल ने कहा कि कहने को यह कंपनिया कह रही है कि छोटे व्यापारियों को इसमें शामिल करेंगे, पर्दे के पीछे कुछ और ही खेल खेला जा रहा है।