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हिंदी भाषा विशाल नदी के समान रू विकास विमल

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सीतापुर  : हिंदी साहित्य परिषद के वार्षिक समारोह का आयोजन अग्रसेन भवन में किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में समाजसेवी हरिराम बंसल ने साहित्यकारों व पत्रकारों का सम्मान किया। छाया त्यागी ने संचालन करते हुए हिंदी की योजनाओं का वर्णन किया। संयोजन हरिओम अग्रवाल ने करते हुए छह साहित्यकारों का सम्मान किया और उन्हें श्री साहित्य अभिनन्दनम से सम्मानित किया। सम्मानित साहित्यकारों में कविवर डा. प्रवीण श्रीवास्तव, छंदकार अम्बरीश अम्बर, समाजसेवी हरिराम बंसल, शायर मुजीब सीतापुरी, पत्रकार चन्द्रभाल राठौर, कवि अरुण शर्मा शामिल रहे।

 

अवधेश शुक्ल ने परिषद की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए कहा कि डा. मधुप एवं डा. सारस्वत की प्रेरणा से हिंदी साहित्य परिषद का 1972 में गठन किया गया था। परिषद सदैव साहित्यकारों एवं शायरों का मनोबल बढ़ाते हुए उन्हें सम्मानित करती रही है। विशिष्ट अतिथि विकास विमल ने कहा कि हिंदी नदी के समान है जो अपना रास्ता अपने आप खोज लेती है। काव्य संध्या में लक्ष्मी वर्मा, रामदास वैश्य, जीएल गांधी, कौशलेन्द्र अवस्थी, डा. मनोज दीक्षित ने काव्य पाठ किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे गोपाल सागर ने आये हुए अतिथियों को धन्यवाद ज्ञापित किया।

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