कानपुर : देश में मौसमी सिस्टम,चक्रवाती और विपरीत हवा के क्षेत्रों के कमजोर पड़ते ही उत्तर पश्चिमी हवा सीधे मैदानी इलाकों में आनी शुरू हो गई है। मंगलवार देर रात से ही हवा की रफ्तार करीब नौ किलोमीटर प्रतिघंटे रही जो और बढ़ सकती है। इससे दो दिन राहत के बाद सुबह से फिर सर्दी का सितम शुरू हो गया। तेज हवा के चलने से अधिकतम और न्यूनतम तापमान में गिरावट आई है और गलन बढ़ेगी। यह स्थिति तब होगी जबकि एक दिन पहले ही अधिकतम और न्यूनतम तापमान में चार से पांच डिग्री सेल्सियस का इजाफा हुआ था। हवा 3.7 किलोमीटर प्रति घंटे रिकॉर्ड हुई।
चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम विज्ञानी डॉ. एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि गुरूवार को सुबह-शाम हलका कोहरा छाया रह सकता है। दोपहर में कुछ देर के लिए धूप निकलने के आसार हैं। राजस्थान के पास विपरीत और पूर्वी असम की ओर चक्रवाती हवा का क्षेत्र बना हुआ था। बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से आने वाली हवा से वातावरण में नमी का काफी घनतव है। बुधवार को ज्यादा सर्दी पड़ेगी।
उन्होंने बताया कि मंगलवार की रात से नौ किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा जारी रही। jजिसका असर बुधवार को भी रहा। गुरुवार को और तेज हवायें चलने लगेगी और इससे पारा नीचे आएगा। 21 जनवरी को जम्मू के पास पश्चिमी विक्षोभ विकसित होगा,जिससे 22 के बाद 26 जनवरी तक पहाड़ों पर बर्फबारी,वर्षा हो सकती है। इसके साथ ही शुष्क हवा मैदानी क्षेत्रों की ओर आने लगेगी।