स्माजसेवी अर्चना तिवारी ने रैन बसेरा व अलाव जलवाने की किया मांग
नगर निगम की अव्यवस्थाओं पर जताया आक्रोश
अयोध्या। समाजसेवी अर्चना तिवारी जब रात को जरूरतमंद लोगों की सहायता करने कई जगह गई जैसे वार्ड, बस अड्डा , रेलवे स्टेशन व अन्य जगहों पर निकली तो अयोध्या नगर निगम की दूरव्यवस्था को देख कर बहुत दुख हुआ कि अभी तक नगर निगम की दुर्व्यस्था में कोई सुधार नहीं हुआ दिसंबर का महीना बीतने वाला है ना ही कहीं अभी तक अलाव की व्यवस्था है, ना अभी तक रैन बसेरा बनाया गया है, जो कि ठंडी नवंबर के प्रथम हफ्ते से ही शुरू हो जाती हैं।।
इस ठंड के महीने में हमारे अयोध्या नगरी में दूर-दराज से जो लोग प्रभु के दर्शन करने के लिए आते और इस ठंड के मौसम में जब कोई यात्री ठंड के कारण बीमार पड़ जाएगा या जिन-जिन असहायों के पास ना घर है ना जमीन है यदि उनकी मृत्यु ठंड के कारण हो जाएगी तो इसका जिम्मेदार कौन होगा पूछती है अयोध्या की आम जनमानस इसीलिए मैं अयोध्या महानगर के डीएम साहब से एवं नगर आयुक्त साब से निवेदन करती हूं की अलाव एवं रैन बसेरे की व्यवस्था शीघ्र से शीघ्र करें और अगले वर्ष जब ठंडी आए तो ठंड से बचाने की सारी व्यवस्था नवंबर माह में ही कर दी जाए जिससे अयोध्या महानगर की शोभा और व्यवस्था को लोग देखे जिससे अन्य प्रदेश के लोग भी प्रसन्न हो और अयोध्या महानगर कि सराहना करे कि अयोध्या महानगर बहुत स्वच्छ और सुंदर है और वहां पर समय पर सभी कार्य नगर निगम एवं अच्छे अधिकारियों के द्वारा किए जाते हैं मैं आचार्य नरेंद्र देव वार्ड में मलिन बस्ती की दूर- व्यवस्था से अवगत कराती हूं कि गंदगी का अंबार लगा हुआ है ना सफाई होती हैं, ना दवा छिड़की जाता है और पूरे साहबगंज का गंदा पानी इस असहाय परिवार के घर में बरसात के समय भर जाता है ओर सा ही ना इस परिवार के पास प्रधानमंत्री का आवास है इसका जिम्मेदार कौन जनप्रतिनिधि जब चुनाव लड़ रहे थे तो यहां पर आ कर कहा कि आप हमें वोट देकर जिताओ तो मैं आपकी समस्या को शीघ्र दूर करूंगा और जीतने के बाद आज 5 वर्ष बीतने वाले हैं समस्या तो दूर होने की बात छोड़िए इस वार्ड के लोगों के दुख-सुख को जानने तक नहीं आए मैं अपने प्रधानमंत्री जी से एवं मुख्यमंत्री ी से निवेदन करती हूं कि ऐसे मलिन बस्तियों की ओर शीघ्र ध्यान दें जिससे स्वच्छ सुंदर अयोध्या नगर निगम बन सके भ्रष्ट नेता भ्रष्ट अधिकारी जो जरूरतमंद परिवारों के अधिकारों का हनन करने वाले हैं अपनी जिम्मेदारियों को अच्छे से निर्वाहन नहीं कर रहे हैं उन पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। शोषित वंचित पीड़ित की सहायता मैं निरंतर करती रही हूं कर रही हूं और जीवन के अंतिम क्षण तक करती रहूंगी।