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सपा, बसपा और कांग्रेस ने विधानसभा सत्र में सरकार के खिलाफ नारेबाज़ी करते हुए जम कर किया हंगाम

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लखनऊ : प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आज विधानसभा बजट सत्र शुरू होने के साथ ही राज्यपाल के अभिभाषण सत्र की शुरुआत भी हुई अभिभाषण शुरू होते ही समाजवादी पार्टी के विधायकों ने विधानसभा के अंदर वेल में जोरदार नारे बाज़ी और हंगामा शुरू कर दिय, साथ ही सरकार विरोधी पोस्टर भी दिखाए। वहीँ कांग्रेस विधायकों ने सदन से वॉकआउट कर विरोध जताया और राज्यपाल के अभिभाषण का विरोध भी किया। बसपा ने भी विधानसभा से वॉकआउट किया एवं राज्यपाल के अभिभाषण का विरोध किया। पेट्रोल-डीजल के दामों में वृद्धि को लेकर विधानसभा पहुंचे थे सपा के विधायक एवं बोतल में पेट्रोल-डीजल लेकर विधानसभा पहुंचे सपाइयों को सुरक्षा कर्मियों ने रोक। वहीँ कृषि कानून के विरोध एवं पेट्रोल-डीजल की बढ़ी हुई कीमतों को लेकर कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा परिसर में चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के नीचे ही धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया

किसान एवं कृषि कानून के विरोध के साथ पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमतों को लेकर विपक्ष ने विधानसभा परिसर ही धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया

आपको बताते चलें कि उत्तर प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र आज से शुरू हो गया है। वहीँ राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का अभिभाषण शुरू होते ही सपा विधायकों ने नारेबाजी शुरू कर दी। बजट सत्र के दौरान राज्यपाल ने सरकार की उपलब्धियां गिनाई। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में सरकार ने शानदार काम किया है। अभिभाषण के साथ ही विधानसभा की कार्यवाही शुरू हो गई। बजट सत्र के दौरान जोरदार हंगामा देखने को मिला। वहीँ इस सत्र की शुरूआत में बड़ी बात ये देखने को मिली कि सदन में राज्यपाल का अभिभाषण देर से शुरू हुआ। विपक्ष की सभी पार्टियों ने इस बात को मुद्दा भी बनाया, क्योंकि राज्यपाल का अभिभाषण 11 बजे से शुरू होना तय था, मगर 11.05 पर राष्ट्रगान और 11.07 पर अभिभाषण शुरू हो पाया

आपको ये भी बता दें कि बसपा विधानमंडल दल के नेता लाल जी वर्मा ने कहा कि राज्यपाल का अभिभाषण सरकार के वक्तव्यों का पुलिंदा होता है। इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ कि राज्यपाल सरकार से असहमत थी, इसलिए देर से आई। उनहोंने ये भी कहा कि सरकार किसानों को बिचौलियों के हाथ मे बांधने का काम करती नज़र आ रही है। उन्होंने आगे कहा कि जब से भाजपा की सरकार बनी है तभी से बेरोजगारों को रोजगार नहीं मिल रहा है, पूरे प्रदेश में महिलाओं से बलात्कार और हत्या जैसे अपराध चरम पर हैं। वहीं नेता प्रतिपक्ष सपा के रामगोविंद चौधरी ने कहा कि राज्यपाल अभिभाषण नहीं पढ़ना चाहती थी, इसलिए वह देर से आईं, क्योंकि महिलाओं पर अत्याचार तेज़ी से बढ़ा है। उन्होंने आगे बोला कि राज्यपाल महोदया को मुख्य्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष ने मनाया तो वह सात आठ मिनट लेट आई हैं

विपक्ष में बैठे नेता ने ये भी कहा कि पत्रकारों को सत्र से जानबूझ कर हटाया गया है, हम इस बात कि भी कड़ी निंदा करते है। विपक्ष के नेताओं ने पांच मिनट देर से शुरू हुए अभिभाषण का विरोध करते हुए पूरे अभिभाषण का बहिष्कार कर दिया। साथ ही उन्होंने कहा कि उन्नाव की घटना से बड़ी घटना हो ही नहीं सकती, जब उच्च न्यायालय ने इस मामले पर सरकार को भी कठघरे में खड़ा कर दिया, तब भी ऐसी घटनाएं लगातार होती जा रही है। वहीं कांग्रेस विधानमंंडल दल की नेता अराधना मिश्रा मोना ने कहा कि सरकार संवेदनहीन है, सरकार को उत्तर प्रदेश की बेटियों से माफी मांगनी चाहिए, उन्होंने कहा कि हमने इसी लिए अभिभाषण का विरोध किया है और वॉक आउट किया है। आज तक कभी नही हुआ कि राज्यपाल का अभिभाषण 5 मिनट देर से शुरू हुआ हो, जब अभिभाषण ही देर से शुरू हुआ तो सरकार कैसे काम कर रही है यह साफ पता चल रहा है

इन सभी प्रदर्शन को गंभीरता से लेते हुए नवीन अरोड़ा “जॉइंट कमिश्नर ऑफ़ पुलिस कानून व्यवस्था, लखनऊ” सुरक्षा व्यवस्था बनाये रखने के लिए लगातार नज़र बनाये हुए हैं, उनहोंने पीएसी के जवानों को ब्रीफ करते हुए दिशा निर्देश दिए और “जॉइंट कमिश्नर ऑफ़ पुलिस कानून व्यवस्था” ने विधान सभा में संचालित बजट सत्र के दृष्टिगत सुरक्षा व्यवस्था का लिया जायज़ा और भरी पुलिस बल को तैनात किया।

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