लखनऊ: समाजवादी पार्टी द्वारा एक अरसे बाद कल वर्तमान सरकार में बढ़ती महंगाई और बेरोज़गारी को ले कर धरना प्रदर्शन किया गया जिसकी वजह से राजधानी में दिन ढलने तक अफरा तफरी का माहौल बना रहा। धरना प्रदर्शन को समाजवादी पार्टी कार्यालय से विधान सभा तक ले जाने का इरादा किया गया था। इस सिलसिले की शुरुआत करीब सुबह 11 बजे से हुई जिसमे सबसे पहले समाजवादी पार्टी के विधायक (मध्य) रविदास मेहरोत्रा को नज़र बंद कर उनके घर के बहार भारी पुलिस बल तैनात की गयी और घर से बहार निकलने की अनुमति छीनी गयी। पुलिस प्रसाशन इतना सख्त दिखाई दिया था की सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के आवास से लेकर सपा कार्यालय तक भारी पुलिस बल मौजूद रहा।विक्रमादित्य मार्ग की तरफ किसी भी गाड़ियों को जाने की अनुमति नहीं थी। साथ ही विधानसभा परिसर के अंदर और बहार दोनों जगह पर ही मज़बूत पुलिस बल तैनात रहा था।
विधायक समरपाल सिंह नौगवां सादात को भी पुलिस ने सपा कार्यालय के अंदर जाने की अनुमति न देते हुए अपनी हिरासत में लिया जबकि समरपाल सिंह का कहना था कि वह यहाँ प्रदर्शन करने नहीं बल्कि किसी काम के सिलसिले में आये थे लेकिन जब उन्हें पता चला की उनकी पार्टी प्रदर्शन कर रही हैं तो उन्होंने भी संघर्ष करना चाहा। इस लड़ाई में दाय-बाय होकर सबसे आगे विधायक ज़ाहिद बेग भदोही नज़र आए जोकि विधानसभा पहुंचने में सफल रहे थे लेकिन संघर्ष करने के बाद भी उन्हें विधान भवन में जाने की अनुमति नहीं दी गयी अंत में उन्हें भी विधानसभा के बहार मौजूद पुलिस बल ने अपनी हिरासत में ले लिया। जिसकी नाराज़गी जताते हुए समाजवादी पार्टी ने ट्वीट कर कहा की यह सरकार खुलेआम तानाशाही कर रही हैं। हिरासत में लिए गए सभी विधायकों और कार्यकर्ताओ को एको गार्डन में प्रदर्शन करने के लिए छोड़ दिया गया।