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यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली का बयान

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LUCKNOW: यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली का बयान

यूनिफॉर्म सिविल कोड का मामला केवल मुस्लिम समाज का नहीं है जितनी भी रिलीजियस कम्युनिटी है सभी का मामला है

सभी कम्युनिटी का प्रयास होता है कि वो अपने पर्सनल लॉ को फॉलो करें

भारत के संविधान ने प्रत्येक भारतीय को अपने धर्म को पालन करने का पूरी धार्मिक आज़ादी दी है

मज़हब का पालन का करना है Fundamental Right

इसलिए Fundamental Right को Directive of Principals से खत्म नहीं किया जा सकता है

प्रैक्टिकली ये संभव नहीं है कि अपने देश मे यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू किया जा सके

आर्टिकल 25 से रिलीजियस कम्युनिटी को पूरी सुरक्षा मिली है

हमे इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि अपने देश में हर 200 से 300 किलोमीटर पर ट्रेडिशन और कल्चर बदल जाता है

बड़ा सवाल ये है कि North-East के Tradition और Culture को कैसे खत्म कर दिया जाएगा ?

अपने संविधान में इस चीज़ की पहले से व्यवस्था है कि जो अपने पर्सनल लॉ के तहत शादी ब्याह नही करना चाहते है उनके लिए Special Marriage act है

सभी धर्मों के पर्सनल ला है जिस पर वह अमल करते हैं जिसका अधिकार संविधान देता है

इसलिए इन तमाम कारणों से देश मे यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू नहीं किया जा सकता है

मुसलमानों का बड़ा मसला ये है की उनके पर्सनल लॉ का सीधा संबंध कुरआन और हदीस से है

सरकार से मेरी अपील है कि देश मे और जो इश्यूज है उनके समाधान किये जायें न कि यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू किया जाए

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